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Nitish Kumar Akhilesh Yadav Meeting: बिहार से शुरू कर नीतीश कुमार अब भाजपा के खिलाफ अपने अभियान को देश के अलग-अलग हिस्सों में ले जा रहे हैं. इसमें सबसे बड़ी बात यह है कि नीतीश कुमार इस बार अपने साथ तेजस्वी यादव को लेकर घूम रहे हैं और विपक्षी दलों के नेताओं से मिल रहे हैं. नीतीश 2024 में अपनी दिल्ली रवानगी को लेकर आश्वस्त हैं ऐसे में राजनीतिक पंडित यह कयास लगा रहे हैं कि वह तेजस्वी को राजनीति के सारे गुर सिखा देना चाहते हैं.
नीतीश ने आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल, भाकपा नेता सीताराम येचुरी और कांग्रेस के नेता राहुल गांधी और राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात की थी. तब सूत्रों की मानें तो नीतीश को कांग्रेस की तरफ से यह टास्क दिया गया था कि वह पहले विपक्ष नेताओं को एक मंच पर लाएं. कांग्रेस उनके साथ खड़ी है. नीतीश ने इसको लेकर प्रयास शुरू किए. नीतीश की पहली कोशिश तो विफल रही थी. लेकिन दूसरी कोशिश में उनके चेहरे पर जो मुस्कान है वह बता रही है कि वह भाजपा के खिलाफ विपक्षी दलों को एक मंच पर लाने में सफल हो रहे हैं.
हालांकि नीतीश से मुलाकात के सप्ताह के भीतर ही आम आदमी पार्टी की तरफ से कह दिया गया कि आप अकेले अपने दम पर लोकसभा चुनाव लड़ेगी वह किसी गठबंधन का हिस्सा नहीं होगी. नीतीश और मल्लिकार्जुन की मुलाकात के बाद खड़गे से शरद पवार भी मिले और नीतीश को इतना तरजीह देने से नाखुश दिखे. लेकिन नीतीश को फिर भी भरोसा था कि विपक्षी दल उनके फॉर्मूले को स्वीकार करेंगे. बता दें कि नीतीश से मिलने से पहले अखिलेश यादव और ममता बनर्जी मिले थे. ममता इसके बाद नवीन पटनायक से मिली थीं. एम के स्टालिन से बात किया था. ऐसे में ये सभी कांग्रेस के साथ से असहज महसूस कर रहे थे.
इस बार नीतीश कुमार तेजस्वी यादव के साथ ममता बनर्जी से मिलने कोलकाता पहुंचे और वहां दोनों ने बातचीत के बाद जो का वह सच में भाजपा के लिए चिंता का विषय रहा है. ममता ने कहा कि वह कोई अहंकार नहीं रखती भाजपा के खिलाफ वह विपक्ष के साथ खड़ी हैं. अगली बैठक बिहार में होगी और वहीं सभी दलों की सहमति से फैसला होगा और मेनिफेस्टो पर विचार किया जाएगा. इसके बाद नीतीश तेजस्वी के साथ अखिलेश यादव से मिलने लखनऊ रवाना हो गए जहां पहले से सपा दफ्तर में मौजूद अखिलेश यादव ने उनका स्वागत किया. दोनों के बीच राजनीतिक चर्चा हुई और फिर नीतीश और अखिलेश ने मीडिया के सामने आकर कहा कि हमारी बातचीत सकारात्मक रही.
अखिलेश से मुलाकात के बाद नीतीश कुमार ने कहा कि देश में इस समय हालात ठीक नहीं है. लोकतंत्र कतरे में नजर आ रहा है. भाजपा देश के लिए काम तो नहीं कर रही हां प्रचार जरूर कर रही है. उन्होंने आगे कहा कि ऐसे में भाजपा को रोकने के लिए सभी दलों से बातचीत जारी है. सब एकजुट होकर भाजपा से लड़ेंगे और हराएंगे. उन्होंने यहां साफ कर दिया कि उनको प्रधानमंत्री का चेहरा नहीं बनना है. उन्होंने आगे कहा कि सभी दलों को एकजुट करने में वह लगे हुए हैं. जबकि अखिलेश की पार्टी पहले ही कह चुकी है कि वह अकेले दम पर चुनाव यूपी में लड़ेगी. वहीं नीतीश दावा कर रहे हैं कि चुनाव अगर देशहित में लड़ना है तो सभी दलों को साथ मिलकर लड़ना होगा. उनका मानना है कि अगर सभी दल भाजपा के खिलाफ साथ मिलकर लड़े तो बेहतर परिणाम मिलेगा.