Jamui: जमुई के कटौना होल्ड में ट्रेन ठहराव के लिए लोगों का अनशन, विधायक श्रेयसी सिंह भी नहीं पूरा कर पाईं वादा!
Jamui News: अनशनकारी ने बताया कि विधायक श्रेयसी सिंह ने उस वक्त कहा था कि एक महीने के अंदर अगर ट्रेनों की ठहराव यहां पर शुरू नहीं होती है, तो हम बिल्कुल आपके साथ हैं. एक महीना बीत जाने के बाद भी ऐसा संभव नहीं हो पाया है.
Jamui News: जमुई झाझा रेल खंड के कटौना होल्ड पर ट्रेनों के ठहराव को लेकर स्थानीय लोग अन्न-जल छोड़कर अनशन पर बैठ गए हैं. उनकी मांग है कि यहां कोरोनाकाल से पहले जो ट्रेनें रुकती थीं, उन्हें फिर से ठहराव दिया जाए. स्थानीय लोगों ने विधायक श्रेयसी सिंह पर वादा नहीं निभाने का आरोप लगाया है. अनशन पर बैठे दिव्यांग राजेश कुमार दुबे ने बताया कि उन लोगों ने पिछले महीने भी दो दिवसीय अनशन किया था. तब स्थानीय विधायक श्रेयसी सिंह के द्वारा एक महीने की मोहल्लत मांगी गई थी. अनशनकारी ने बताया कि विधायक श्रेयसी सिंह ने उस वक्त कहा था कि एक महीने के अंदर अगर ट्रेनों की ठहराव यहां पर शुरू नहीं होती है, तो हम बिल्कुल आपके साथ हैं. एक महीना बीत जाने के बाद भी ऐसा संभव नहीं हो पाया है.
उन्होंने बताया कि यहां पर पिछले 20-22 वर्षों से लगभग 13 ट्रेनों का ठहराव था, लेकिन कोरोनाकाल के दौरान उनका ठहराव समाप्त कर दिया गया था. तब से लेकर अभी तक उसे चालू नहीं किया गया. इसको लेकर सभी लोग पिछले दो दिनों से अन्न-जल त्याग कर अनशन पर बैठे थे. उन्होंने कहा कि कोई भी जन-प्रतिनिधि उनकी सुध लेने के लिए नहीं आया है, ना ही किसी पदाधिकारी के द्वारा संज्ञान लिया गया. वहीं सुरक्षा की अगर बात किया जाए तो अनशन की जगह पर सिर्फ एक एएसआई और एक जवान को लगाया गया है. ड्यूटी पर तैनात एएसआई आरके उपाध्याय ने बताया कि धरना स्थल पर हम लोगों की ड्यूटी लगी है. यहां कोई दुर्घटना ना घटे, इसको लेकर हम लोग डटे हुए हैं.
जामताड़ा में दर्दनाक रेल हादसा
उधर झारखंड के जामताड़ा में बुधवार (28 फरवरी) की शाम को दर्दनाक रेल हादसा हो गया. कलझारिया स्टेशन के पास ट्रेन की चपेट में आने के कारण 12 लोगों के कट गए. इस दौरान दो लोगों की मौत हो गई. बताया जा रहा है कि अंग एक्सप्रेस में आग लगने की खबर मिली थी. आग लगने की सूचना पर यात्रियों के बीच अफरा-तफरी मच गई. आनन-फानन में यात्री इधर-उधर कूदने लगे. इसी बीच दूसरी तरफ से ईएमयू ट्रेन आ गई, कई यात्री जिसकी चपेट में आ गए. इस घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने दुख जताया है.