Jharkhand Politics: सरना कोड को लेकर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा प्रधानमंत्री को लिखी गयी चिट्ठी के बाद राज्य का सियासी पारा चढ़ने लगा है. एक तरफ जहां मुख्यमंत्री ने इसे आदिवासियों की पहचान और उनकी जरूरत बताई है तो दूसरी तरफ बीजेपी इस चिट्ठी को ईडी के मुद्दे से ध्यान भटकाने वाली चाल बता रही है. सरना कोड को लेकर लिखी गई चिट्ठी पर राज्य में सियासी बयानबाजी तेज हो गई है.


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भाजपा की ओर से विधायक अमित मंडल ने इस मसले पर कहा, मुख्यमंत्री जब सत्ता में नहीं थे और जगह-जगह घूमकर चुनावी वादे कर रहे थे, तभी उन्हें बताना चाहिए था कि केंद्र के बिना यह संभव नहीं होगा. अब जब चुना नजदीक आ गया है तो इस पर राजनीति की जा रही है, ताकि लोगों के बीच जाकर यह कह सके कि उन्होंने अपना काम कर दिया है. 


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वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा की ओर से महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा, जनजातीय आकांक्षाओं को पूरा करते हुए मुख्यमंत्री ने इस बिल को सुरक्षा कवच प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री को पत्र भेजा है. इसे पूरा किया जाना चाहिए. हालाकि केंद्र की मंशा नहीं है कि यह पूरा हो. 


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उधर, कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष राजेश ठाकुर ने राजभवन पर हमला बोलते हुए कहा, हमने इसे विधानसभा से पारित कर राजभवन भेजा, लेकिन जानबूझकर राजभवन इस पर राजनीति कर रहा है. राज्यपाल महोदय को समझना चाहिए कि यह बिल झारखंड समेत पूरे देश के जनजातीय आकांक्षाओं को पूरा करने वाला है. इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए. उन्होंने कहा, बीजेपी को पता नहीं है कि सरना कॉलम के लिए केंद्र को ही भेजा जाता है.


रिपोर्ट: धीरज ठाकुर