लोकसभा चुनाव 2024 से पहले नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (JDU) को एक और बड़ा झटका लगा है. पिछले महीने उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) ने नीतीश कुमार को बड़ा झटका दिया था तो इसी महीने मीना देवी (Meena Devi) ने भी पार्टी को अलविदा कह दिया था और अब औरंगाबाद से जेडीयू के वरिष्ठ नेता और पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक प्रमोद चंद्रवंशी (Pramod Chandravanshi) ने भी नीतीश कुमार का साथ छोड़ दिया है. माना जा रहा है कि प्रमोद चंद्रवंशी 2 अप्रैल को अमित शाह की रैली के दौरान भाजपा का दामन थाम सकते हैं. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) 2 अप्रैल को सासाराम और नवादा में सम्राट अशोक की जयंती पर सभा को संबोधित करने वाले हैं. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING


राजद के साथ समझौते से नाराज थे चंद्रवंशी 


औरंगाबाद से जेडीयू नेता प्रमोद चंद्रवंशी 3 बार विधायकी का चुनाव लड़ चुके हैं. उन्होंने जेडीयू से यह कहकर इस्तीफा दे दिया कि जेडीयू अपने सिद्धांतों से भटक गई है. आरजेडी के साथ गठबंधन करके जेडीयू ने बिहार में जंगलराज की वापसी का रास्ता साफ कर दिया है. प्रमोद चंद्रवंशी को नीतीश कुमार के करीबी नेताओं में गिना जाता था और वे तीन बार विधानसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं. 


प्रमोद चंद्रवंशी के भाई की अपहरण के बाद हत्या 


प्रमोद चंद्रवंशी बिहार के राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य रह चुके हैं. एक महीने पहले ही गया के गुरारू से प्रमोद चंद्रवंशी के भाई मनोज चंद्रवंशी लापता हो गए थे और रेलवे ट्रैक पर उनकी लाश बरामद की गई थी. मनोज चंद्रवंशी ने अपने भाई की अपहरण के बाद हत्या किए जाने का आरोप लगाते हुए पुलिस से शिकायत की थी लेकिन अब तक उस केस में किसी को नहीं पकड़ा गया है. माना जा रहा है कि बिहार में बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर प्रमोद चंद्रवंशी नीतीश कुमार की सरकार से नाराज चल रहे हैं.


चंद्रवंशी बीजेपी में गए तो जेडीयू को बड़ा नुकसान 


प्रमोद चंद्रवंशी अति पिछड़ा समाज से आते हैं और राज्य में अति पिछड़ा वर्ग में जेडीयू की अच्छी पकड़ मानी जाती है. इस तरह प्रमोद चंद्रवंशी अगर बीजेपी में शामिल हो जाते हैं तो जेडीयू को इससे बड़ा नुकसान हो सकता है. पाटी्र छोड़ते वक्त प्रमोद ने कहा कि जेडीयू अति पिछड़ों के साथ धोखा कर रही है. इससे पहले उपेंद्र कुशवाहा ने जेडीयू को छोड़कर नई पार्टी बना ली थी. उपेंद्र कुशवाहा के बारे में भी कहा जा रहा है कि वे 2024 के लोकसभा चुनाव में एनडीए के साथ जा सकते हैं.