पटना: चुनावी रणनीतिकार एवं जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने गुरुवार को बिहार के सारण और सीवान जिलों में जहरीली शराब पीने से हुई मौतों पर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार में शराबबंदी का दिखावा भर हो रहा है. प्रशांत किशोर ने कहा कि वह पहले ऐसे व्यक्ति हैं जो पिछले दो साल से कह रहे हैं कि बिहार में कोई शराबबंदी नहीं है. शराबबंदी के नाम पर यहां सिर्फ शराब की दुकानें बंद हैं. घर-घर में शराब बिक रही है. इससे बिहार और समाज के हर तबके को परेशानी हो रही है.


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उन्होंने आगे कहा कि शराबबंदी से बिहार के भ्रष्ट अधिकारियों, नेताओं और शराब माफियाओं को फायदा हुआ है. शराबबंदी को लेकर कोई कानून का प्रावधान नहीं है, लोग अपने घरों में शराब बना रहे हैं और पी रहे हैं. इससे सरकार को 20 हजार करोड़ रुपये का अलग नुकसान है. इसलिए जन सुराज शराबबंदी को हटाने के लिए कह रहा है. प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि बिहार में शराब पीकर मरने की यह पहली घटना नहीं है. इससे पहले भी छपरा में जहरीली शराब पीने से 70 से अधिक लोगों की मौत हुई थी. मुख्यमंत्री और बिहार सरकार के जो लोग हैं, वहां जाना तक ठीक नहीं समझते हैं. स्थानीय लोग बता रहे हैं कि जहरीली शराब पीने से मरने वालों की संख्या बहुत ज्यादा है.


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उल्लेखनीय है कि बिहार के सारण और सिवान जिलों में जहरीली शराब पीने से मरने वालों की संख्या बढ़कर 24 हो गई है. कई लोगों की हालत गंभीर है, जिनका सदर अस्पताल में इलाज चल रहा है. बिहार के डीजीपी आलोक राज ने बताया कि बिहार पुलिस और मद्य निषेध विभाग के अधिकारियों को घटना की गंभीरता से जांच करने का निर्देश दिया गया है. उन्होंने बताया कि जहरीली शराब पीने से अब तक 24 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है. सीवान जिले में 20 और सारण जिले में अब तक चार लोगों की मौत हुई है. राज्य सरकार ने इस घटना का गंभीरता से संज्ञान लिया है.


इनपुट- आईएएनएस


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