सिंगापुर और दुबई से तय हो रही RJD की राजनीति, बाढ़ और स्मार्ट मीटर पर नीतीश सरकार को घेर रही पार्टी
Bihar Politics: बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव आजकल दुबई प्रवास पर हैं तो उनकी बहन रोहिणी आचार्य सिंगापुर में रहती हैं. लोकसभा चुनाव के समय वे कुछ दिनों के लिए आई थीं, क्योंकि पार्टी ने उन्हें छपरा से उम्मीदवार बनाया था. अब ये दोनों भाई बहन बिहार में बाढ़ को लेकर नीतीश कुमार की सरकार पर हमलावर हैं.
Bihar Politics: जमीन पर सबसे ज्यादा और वोकल कार्यकर्ता. आलाकमान के एक इशारे पर प्रदर्शन करने को आतुर कार्यकर्ता होने के बाद भी राजद की पॉलिटिक्स आजकल सिंगापुर और दुबई से तय हो रही है. एक तरफ सिंगापुर से राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की बेटी तो दूसरी ओर दुबई टूर पर गए नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव आम तौर पर सुबह सुबह ट्वीट कर बिहार की राजनीति में सरगर्मी बनाए रखते हैं. दो दिन से रोहिणी आचार्य ने बिहार में बाढ़ को लेकर नीतीश और मोदी सरकार पर निशाना साधा था तो बुधवार को यह जिम्मा संभाला तेजस्वी यादव ने. तेजस्वी यादव ने एक पोस्ट कर पीएम मोदी और सीएम नीतीश कुमार को 2008 में बिहार की बाढ़ याद दिलाई और कहा कि तब तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के आग्रह पर तब के पीएम मनमोहन सिंह और यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी के बिहार का दौरा किया था.
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तेजस्वी यादव ने पोस्ट किया, मुख्यमंत्री जी! क्या आपको 2008 याद है? प्रधानमंत्री जी! क्या आपको ज्ञात है कि बिहार भारत में है? 2008 में बिहार में आई बाढ़ को याद
कीजिए. तब केंद्र में UPA की सरकार थी. कांग्रेस के बाद केंद्र में दूसरी सबसे बड़ी और शक्तिशाली पार्टी राजद और उनके नेता केंद्रीय रेल मंत्री आदरणीय लालू प्रसाद जी के आग्रह पर प्रधानमंत्री सरदार मनमोहन सिंह जी और यूपीए चेयरपर्सन आदरणीय श्रीमती सोनिया गांधी जी बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों के सर्वेक्षण पर बिहार आए थे.
अपने पोस्ट में तेजस्वी यादव आगे लिखते हैं, लालू जी ने सकारात्मक राजनीति का अकल्पनीय व अविस्मरणीय उदाहरण प्रस्तुत करते हुए प्रधानमंत्री जी को बाढ़ की भयावह स्थिति से अवगत करा इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित कराया तथा उस दौर में यानि आज से 15 साल पूर्व केंद्र से तत्काल 1000 करोड़ की विशेष सहायता राशि बिहार को दिलाई. हाँ जी केवल बाढ़ के लिए 1000 करोड़.
उन्होंने कहा, NDA की नीतीश सरकार ने केंद्र की UPA सरकार से एक लाख टन अनाज की मांग की थी लेकिन केंद्र की UPA सरकार ने प्रभावित लोगों की मदद एवं राहत के लिए एक लाख 25 हज़ार टन अनाज बिहार को दिया. जितना नीतीश सरकार ने माँगा उससे अधिक बिहार को दिया.
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तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि नीतीश सरकार ने उसी अनाज को बचाकर रखा और 2010 के चुनावों से पूर्व गरीब जनता में UPA सरकार का दिया हुआ अनाज यहकर बाँटा कि नीतीश सरकार यह अनाज दे रही है तथा चुनावों में इसका फ़ायदा उठाया. केंद्र और बिहार की NDA सरकारें उत्तर बिहार के लोगों की जान और माल की क़ीमत बस चंद किलो अनाज से आंकती है. बारम्बार तटबंध और बांध क्यों टूटते है, इसका कारण भी सरकार को बताना होगा?
उन्होंने कहा, उस वक़्त तत्कालीन रेल मंत्री लालू जी ने बाढ़ पीड़ितों के लिए मुफ्त रेल चलायी तथा साथ ही 90 करोड़ की सहायता राशि भी रेल मंत्रालय से दिलाई. उन्होंने एक लाख साड़ी-धोती बँटवाई. कोसी क्षेत्र में रेलवे प्लेटफ़ार्म पर रेल के डिब्बों में बाढ़ राहत शिविर लगवाए. लालू जी ने अपने एक महीने की सैलरी, KBC में जीते हुए एक करोड़ रुपए, रेल मंत्रालय के सभी कर्मचारियों का एक दिन की सैलरी, IRCTC रेलवे ईस्ट जोन, वेस्ट जोन इत्यादि से भी सहायता राशि बिहार को दी.
नेता प्रतिपक्ष ने अपने पोस्ट में आगे कहा, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पीने के पानी की कमी को देखते हुए लालू जी 20 हज़ार लीटर की क्षमता वाले 25 रेलवे टैंकर वहाँ भेजने के साथ साथ रेलवे की ओर से रेलनीर के पानी की एक लाख बोतलें तुरंत बिहार भेजी थीं. उस दौर में लालू जी के प्रयासों से सब सहायता UPA सरकार ने की थी लेकिन उसका प्रचार-प्रसार नीतीश कुमार ने अपने नाम से किया. 2004 से 2009 तक लालू जी में बिहार को 1 लाख 44 हज़ार करोड़ की वित्तीय पैकेज दिलाया था लेकिन उससे चेहरा माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चमकाया.
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तेजस्वी यादव ने कहा, उस वक़्त UPA के बिहार से 29 सांसद थे जबकि अब NDA के 30 सांसद है. NDA के 30 सांसद, बिहार के मुख्यमंत्री और केंद्र में बिहार से NDA के 7 केंद्रीय मंत्री कितने बेबस, लाचार और असहाय हैं कि इनके सहारे चल रही केंद्र सरकार से बिहार की विनाशकारी बाढ़ को ना आपदा घोषित करा सकते हैं और ना ही विशेष सहायता राशि की माँग सकते हैं. आज बीजेपी के किसी भी केंद्रीय मंत्री और प्रधानमंत्री को बिहार नज़र नहीं आ रहा है? बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार बिहार की बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित कराने एवं सहायता राशि की माँग को लेकर प्रधानमंत्री मोदी से क्यों नहीं मिलते, जबकि बिहार के लाखों लोग एवं आधे से अधिक जिले बाढ़ से प्रभावित है? श्री नीतीश कुमार जी प्रधानमंत्री से मिलने में हिचकते क्यों है?