Rohini Acharya News: रोहिणी आचार्य बिहार में बाढ़ को लेकर जहां लगातार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को निशाना बना रही हैं, वहीं अब नई पार्टी बनाने को लेकर प्रशांत किशोर को कोसा है.
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छपरा लोकसभा सीट से राजद प्रत्याशी रहीं लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने मंगलवार को प्रशांत किशोर को निशाने पर लिया और उनकी पार्टी बनाने को लेकर बड़ा बयान दे दिया. रोहिणी आचार्य ने कहा, 'यह प्रशांत किशोर पांडेय कौन हैं? पांडेय लोगों का काम ही है यादव लोगों को गाली देना.' रोहिणी आचार्य ने आगे कहा, यह बिहार के कितने काम करते हैं? जितना पैसा इन्होंने बनाया है, उससे इनको स्कूल और कॉलेज खोलने चाहिए. मोदी जी और नीतीश जी से इन्होंने जो पैसे लिए हैं, उनका क्या करेंगे. इन पैसों से तो स्कूल और कॉलेज बनाने चाहिए. उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर की पार्टी से कोई फर्क नहीं पड़ेगा. राज्य की जनता सब कुछ देख रही है.
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'लालू यादव ने दिलाए थे 1000 करोड़'
दूसरी ओर, बिहार में बाढ़ को लेकर रोहिणी आचार्य ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा, सिर्फ हवाई सर्वे करने से फायदा नहीं होगा. हवाई सर्वेक्षण कर लिए. फोटो खींच लिए. वीडियो बना लिए. इससे क्या होगा? उन्होंने कहा कि बिहार की बाढ़ को तत्काल राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाना चाहिए. रोहिणी आचार्य ने यह भी कहा कि मनमोहन सिंह की सरकार थी और लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री थे, तब भी बिहार बाढ़ से बेहाल था पर उस समय केंद्र सरकार ने 1000 करोड़ की सहायता दी थी. अभी तो डबल इंजन की सरकार है और सहायता मिलनी चाहिए, लेकिन सरकार कुछ नहीं कर पा रही है.
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बाढ़ से बचाना ही हमारा लक्ष्य: लेसी सिंह
उधर, नीतीश सरकार की मंत्री लेसी सिंह ने बिहार में बाढ़ को लेकर कहा, यह बात सही है कि नेपाल से आने वाले पानी से बिहार के लोग परेशान होते हैं, लेकिन अब भारत सरकार ने बाढ़ से बचाव के लिए करोड़ों का पैकेज दिया है. हमारे जल संसाधन मंत्री ने कोसी इलाके के लिए एक परियोजना लागू किया है और केंद्र सरकार ने इस योजना की मंजूरी भी मिल गई है. केंद्र और बिहार सरकार का लक्ष्य है कि कैसे बिहार को बाढ़ से बचाया जाए.
लेसी सिंह ने कहा, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज भी हवाई सर्वेक्षण के लिए गए हुए हैं और 56 वर्ष के बाद जिस तरह से पानी छोड़ा गया है, इससे लोगों की परेशानी और बढ़ गई है. हमारी सरकार की पूरी मशीनरी लगी हुई है और कोशिश की जा रही है कि आम लोगों को कम से कम नुकसान हो.