Rupauli By-Election Result: लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए बीमा भारती ने भी जेडीयू छोड़कर आरजेडी ज्वाइन की थी. लालू ने उन्हें पूर्णिया से लोकसभा चुनाव और रुपौली से उपचुनाव भी लड़वाया, लेकिन जनता ने नकार दिया.
Trending Photos
Rupauli By-Election Result: बिहार के सियासी गलियारों में कल (शनिवार, 13 जुलाई) से आरजेडी नेत्री बीमा भारती की काफी चर्चा हो रही है. दरअसल, शनिवार को पूर्णिया जिले की रुपौली विधानसभा का उपचुनाव का रिजल्ट आया. इस उपचुनाव में निर्दलीय शंकर सिंह ने दलीय प्रत्याशियों को को मात देकर सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों को अचंभे में डाल दिया है. कहा जा रहा है कि जातीय राजनीति की जकड़न में उलझे बिहार को रूपौली के परिणाम ने नई दिशा दी है. रुपौली विधानसभा उपचुनाव में आरजेडी प्रत्याशी बीमा भारती तीसरे नंबर रहीं. उन्हें महज 30 हजार वोट मिले.अब बीमा भारती के सियासी करियर पर संकट खड़ा हो गया है. सियासी गलियारों में चर्चा होने लगी है कि अब बीमा भारती का पॉलिटिकल इंश्योरेंस समाप्त हो गया है.
जेडीयू छोड़ने पर क्या मिला?
कहा जा रहा है कि सांसद बनने के चक्कर में पाला बदलने वाली रुपौली की पूर्व विधायक और आरजेडी प्रत्याशी बीमा भारती 'ना घर का रहीं, ना घाट की'. बता दें कि रुपौली की पूर्व विधायक बीमा भारती ने लोकसभा चुनाव से ठीक पहले जेडीयू और विधायकी से इस्तीफा देकर आरजेडी ज्वाइन की थी. इस पर लालू यादव ने पप्पू यादव को इग्नोर करते हुए बीमा को पूर्णिया लोकसभा सीट से टिकट थमा दिया था. जिसके बाद पप्पू ने निर्दलीय पर्चा भर दिया और जीत भी हासिल की. वहीं बीमा तीसरे नंबर पर रहीं. इसके बाद रुपौली उपचुनाव में भी लालू यादव ने बीमा पर ही भरोसा किया. वह इस बार भी भरोसे पर खरी नहीं उतर सकीं.
ये भी पढ़ें- Rupauli By-Election Result: रुपौली में JDU-RJD की क्यों हुई हार? 5 प्वाइंट में जानें कारण
दल-बदलुओं के लिए बनीं नजीर!
बीमा भारती अब दल-बदलुओं के लिए नजीर बन चुकी हैं. दरअसल, नेताओं हमेशा अपना नफा-नुकसान देखकर पाला बदल लेते हैं. लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए बीमा भारती ने भी जेडीयू छोड़कर आरजेडी ज्वाइन की थी. लालू ने उन्हें पूर्णिया से चुनाव भी लड़वाया, लेकिन जनता ने नकार दिया. रुपौली उपचुनाव में भी जनता को यह पसंद नहीं आया. दूसरी ओर जेडीयू प्रत्याशी कलाधर मंडल भी इसी फेहरिस्त में शामिल थे. 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में वह रुपौली सीट से निर्दलीय लड़े थे और तीसरे नंबर पर रहे थे. इस बार वह जेडीयू की टिकट पर मैदान पर थे. लोकसभा चुनाव में जेडीयू के संतोष कुशवाहा को रुपौली में 73 हजार से अधिक वोट मिले थे. वहीं कलाधर मंडल को करीब 60 हजार वोट ही मिल पाए हैं. अब सवाल ये है कि आखिर जेडीयू के 13 हजार वोट कहां गायब हो गए? जवाब साफ है कि इन लोगों को दल-बदलू राजनीति पसंद नहीं आई और उन्होंने निर्दलीय शंकर सिंह का समर्थन किया.