Silli Assembly Seat Profile: झारखंड की सिल्ली विधानसभा सीट वीवीआईपी सीटों में आती है, क्योंकि यहां से ऑल झारखंड स्टूडेंट यूनियन (आजसू) सुप्रीमो सुदेश सहतो चुनाव लड़ते हैं. रांची जिले की यह सीट बंगाल-झारखंड बॉर्डर पर स्थित है. सुदेश महतो के चुनाव लड़ने के कारण इस सीट पर प्रदेश की जनता के साथ-साथ पत्रकार भी काफी नजर रखते हैं. पिछला चुनाव उन्होंने बीजेपी से अलग होकर लड़ा था. हालांकि, बीजेपी ने इसके बाद भी इस सीट पर अपना कैंडिडेट नहीं उतारा था. 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में सुदेश महतो का मुख्य मुकाबला झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) की प्रत्याशी सीमा देवी के बीच था. इस मुकाबले में सुदेश महतो को जीत मिली थी. 


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पिछले चुनाव में सुदेश महतो को 52.47 फीसदी वोट मिले थे. वहीं जेएमएम की सीमा देवी को 40.01 प्रतिशत मत हासिल हुए थे. इस तरह से सुदेश महतो को 20 हजार से ज्यादा वोटों से जीत हासिल हुई थी. वहीं सीपीएम के बिश्वदेव सिंह मुंडा तीसरे नंबर पर रहे थे. इससे पहले 2014 के चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा के अमित महतो ने सुदेश महतो को हरा दिया था. एक मामले में अमित महतो को सजा होने के बाद 2018 सिल्ली विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुए. अमित महतो की पत्नी सीमा देवी ने सुदेश महतो को हराया था.


सिल्ली पर सुदेश महतो का प्रदर्शन


सुदेश महतो सन 2000, 2005 और 2009 में सिल्ली विधानसभा सीट से विधायक चुने गए. हालांकि 2014 के चुनाव में जेएमएम के अमित महतो के सामने उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. 2018 में हुए उपचुनाव में अमित महतो की पत्नी सीमा देवी ने सुदेश महतो को मात दे दी. हालांकि, 2019 में सुदेश महतो ने वापसी की और सीमा देवी को करारी शिकस्त दी. बता दें कि सुदेश महतो ने 25 साल की उम्र में अपना पहला चुनाव लड़ा था. तब उन्हें एक प्रतिष्ठित पत्रिका ने यूथ आइकॉन ऑफ इंडिया घोषित किया था. जब वह पहली बार विधायक बने थे तब सिर्फ इंटर पास थे. इसके बाद उन्होंने पढ़ाई की और एमए किया. वह झारखंड के उप मुख्यमंत्री भी बन चुके हैं.



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इस सीट के समीकरण


सिल्ली विधानसभा सीट के जातीय समीकरण की बात करें तो यहां महतो समाज और आदिवासी समाज बहुसंख्यक हैं. मुंडा समाज 30% से 35% क्षेत्र में है तो वही महतो समाज भी यहां 30% के करीब अपनी पकड़ रखता है. कुर्मी वोटर सत्ता का रास्ता तय करने में अहम भूमिका निभाते हैं. यही कारण है कि चार बाद सुदेश महतो और जेएमएम से एक अमित महतो व एक बार उनकी पत्नी सीमा देवी विधायक बन चुकी हैं. हालांकि, जेबीकेएसएस का गठन करने वाले जयराम महतो अब उनको कड़ी टक्कर दे रहे हैं. जयराम महतो के कारण ही बीजेपी को इस लोकसभा चुनाव में अपनी तीनों एसटी सीटें गंवानी पड़ीं.