Sisai Vidhan Sabha Chunav: झारखंड में इसी साल के आखिरी तक विधानसभा चुनाव होने हैं. सभी दलों ने चुनाव के लिए कमर कस ली है और सत्तापक्ष-विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो चुका है.
Trending Photos
Sisai Assembly Seat Profile: झारखंड की सिसई विधानसभा सीट का इतिहास काफी दिलचस्प है. यहां एक समय बीजेपी की हुकूमत हुआ करती थी, लेकिन 2019 में जेएमएम के जिग्गा सुसारन होरो उर्फ जिग्गा मुंडा ने बीजेपी के इस अभेद्य किले को ध्वस्त कर दिया था. झारखंड विधानसभा चुनाव में विधानसभा अध्यक्ष को हमेशा हार का मुह देखना पड़ा है. लिहाजा, 2019 में बीजेपी के दिनेश उरांव को इसी रिवाज का शिकार होना पड़ा. विधानसभा अध्यक्ष के रूप में वह सिसई से चुनाव लड़े और हार का सामना करना पड़ा. बीजेपी के दिनेश उरांव को 55,151 वोट मिले थे, जबकि झारखंड मुक्ति मोर्चा के जिग्गा सुसारन होरा ने 93,591 मत प्राप्त किए थे. इस विधानसभा सीट पर नोटा का प्रदर्शन बेहतर रहा है. 5009 वोट लाकर नोटा तीसरे स्थान पर रहा. जबकि चौथे स्थान पर जेवीएम के लोहरमैन उरांव रहे, जिन्हें 2,140 वोट मिले.
बीजेपी की हार के कारण
बीजेपी प्रत्याशी दिनेश उरांव के बारे में कहा जाता था कि उन्होंने सिसई से विधायक रहते इस क्षेत्र में कई पुल, पुलिया व सड़क का काम कराया, लेकिन वह सिसई व बसिया सड़क को नहीं बनवा सके. इसके कारण यहां की जनता उनसे नारज हो गई. इसके अलावा वह जनता से जुड़ने में कामयाबी नहीं हासिल हो सके. पार्टी कार्यकर्ता से भी उनका जुड़ाव दिल से न होकर ऊपरी मन से रहा. कुछ स्थानों पर दिनेश उरांव की कड़वी बोली भी पार्टी कार्याकर्ताओं के काम करने के मनोबल को गिराया है. पार्टी के सच्चे कार्यकर्ता उनतक पहुंच नहीं पाते थे और चाटूकार लोगों का काम पहले हो जाता था.
ये भी पढ़ें- मनीष जायसवाल बने MP अब हजारीबाग में कौन खिलाएगा 'कमल', क्या कांग्रेस के पास है मौका?
वहीं अगर साल 2014 में हुए विधानसभा चुनाव की बात की जाए तो तब भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार दिनेश उरांव को जबरदस्त जीत मिली थी. उन्होंने झारखंड मुक्ति मोर्चा के जिग्गा सुसारन होरो उर्फ जिग्गा मुंडा को पराजित किया था. तीसरे नंबर पर कांग्रेस पार्टी की गीताश्री थीं. वहीं, 2019 में जेएमएम ने कांग्रेस और राजद के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था. इस कारण बीजेपी विरोधी वोट एकजुट होकर जेएमएम के जिग्गा मुंडा को मिला था.