लोकसभा चुनाव 2024 खत्म होने और त्रिशंकू लोकसभा बनने की स्थिति में अब मंत्रिमंडल गठन की कवायद तेज होती दिख रही है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिल्ली में ही मौजूद हैं और जब तक मोदी सरकार का शपथग्रहण नहीं हो जाता, वे बिहार नहीं लौटेंगे. पीएम मोदी की कैबिनेट में कौन मंत्री बनेगा, कहां से कितने मंत्री बनेंगे, इसको लेकर माथापच्ची चल रही है. एक दिन पहले पीएम मोदी और नीतीश कुमार की मुलाकात भी हुई थी और नीतीश कुमार ने बिना शर्त मोदी सरकार को समर्थन देने का पत्र उन्हें सौंपा था. अब सवाल यह है कि बिहार से कितने सांसद मोदी सरकार में मंत्री बनेंगे? सहयोगी दलों से कितने बनेंगे और भाजपा से कितने बनेंगे? सबसे बड़ा सवाल तो यह कि मोदी सरकार में बिहार से मंत्री बनने या बनाने का क्या फॉर्मूला होगा?


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क्या वो फॉर्मूला 3 पर 1 का होगा या फिर क्या वो 4 पर 1 का फॉर्मूला हो सकता है? मोदी सरकार के गठन को लेकर भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की एक टीम मंथन कर रही है और वह टीम लगातार सहयोगी दलों के संपर्क में बनी हुई है. यह बात तो लाजिमी है कि इस बार 2014 और 2019 की तरह मंत्रियों को चुनने में पीएम मोदी और भाजपा को फ्रीहैंड नहीं होगा. सहयोगी दलों की कुछ डिमांड होगी, कुछ इधर से इनकार होगा. फिर एक नई डिमांड होगी और फिर नया आब्जेक्शन. आखिरकार किसी एक बात पर जाकर सहमति बनेगी और वहीं तस्वीर शपथ ग्रहण के दिन नजर आ सकता है. 


अगर 3 पर 1 मंत्री बनाने की बात होती है तो जेडीयू यानी नीतीश कुमार की पार्टी से 4 मंत्री बन सकते हैं. ऐसे में संजय झा, ललन सिंह, कौशलेंद्र कुमार और रामनाथ ठाकुर की निकल पड़ेगी. चर्चा तो देवेश चंद्र ठाकुर की भी हो रही है पर संजय झा के मंत्री बनने की स्थिति में देवेश चंद्र ठाकुर के मंत्री बनने की संभावना न के बराबर हो जाती है, क्योंकि पिछड़ों की राजनीति करने वाले नीतीश कुमार कभी नहीं चाहेंगे कि मोदी सरकार में जेडीयू की ओर से 2—2 ब्राह्मणों को मंत्री बनाया जाए. ललन सिंह को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का क्या स्टैंड रहने वाला है, यह भी देखने वाली बात हो सकती है, क्योंकि अंतिम फैसला तो नीतीश कुमार को ही लेना है. ललन सिंह ने अपनी अध्यक्षी के अंतिम समय में जिस तरह पार्टी को संभाला और जिन हालात में नीतीश कुमार ने जेडीयू की अध्यक्षी अपने हाथ में ली, उसे देखकर तो ललन सिंह को लेकर असमंजस की स्थिति दिखाई पड़ती है. 


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अब अगर 4 पर 1 फॉर्मूला लागू होता है तो जेडीयू से 3 मंत्री बन सकते हैं. इन 3 में भी संजय झा का नाम सबसे आगे दिखाई पड़ता है. बुधवार को जब पीएम मोदी से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुलाकात की तो संजय झा की ओर से मिथिलांचल में किए गए कामों का जिक्र भी वहां किया गया. एक तरह से साफ इशारा किया गया कि जेडीयू की ओर से मंत्री बनने वालों की लिस्ट में संजय झा सबसे आगे दौड़ रहे हैं. कौशलेंद्र कुमार और रामनाथ ठाकुर दो अन्य चेहरे हो सकते हैं. 4 पर 1 फॉर्मूले में चिराग पासवान को भी मंत्री बनते देखा जा सकता है, लेकिन जीतनराम मांझी को लेकर स्थिति साफ नहीं है. मांझी के पक्ष में एक बात जा रही है कि बहुमत न होने के दौर में पीएम मोदी अपने किसी सहयोगी को नाराज करना नहीं चाहेंगे.


नीतीश कुमार यह भी चाहेंगे कि जितने मंत्री जेडीयू के बनें, उतने ही भाजपा से बनें, क्योंकि दोनों दलों को बराबर बराबर सीटें मिली हैं. दूसरी ओर, भाजपा की ओर से कोशिश हो सकती है कि जेडीयू और सहयोगी दलों के बराबर भाजपा के मंत्री बनें, लेकिन वर्तमान हालात में ऐसा होता दिखाई नहीं देता. 3 पर 1 या 4 पर 1 कोई फॉर्मूला हो, जीतनराम मांझी उसमें फिट नहीं बैठ रहे हैं. संभव है कि उन्हें स्पेशल अटेंशन देकर मंत्री बनाया जाए.