Sambhal ASI Survey: उत्तर प्रदेश के संभल में काफी पुराना शिव मंदिर और कुआं मिला है। अब मंदिर और कुएं की जांच के लिए ASI की टीम शुक्रवार को संभल जिले का दौरा कर सकती है. टीम मंदिर और कुंए की जांच करेगी.
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Sambhal ASI Survey: संभल की जामा मस्जिद को लेकर चल रहे विवाद के बीच 19 दिसंबर यानी आज एएसआई की टीम को संभल पहुंच सकती है. वैसे ये टीम पहले बुधवार को ही पहुंचने वाली थी, लेकिन चार सदस्यीय टीम में से एक के रिश्तेदार की मृत्यु हो गई है. जिसकी वजह से अब यह टीम शुक्रवार को संभल आ सकती है. खग्गुसराय क्षेत्र में 46 साल बाद प्राचीन कार्तिकेश्वर महादेव मंदिर खोला गया था. इसके पास स्थित कुएं और मूर्तियों की कार्बन डेटिंग के लिए एएसआई की टीम संभल पहुंच रही है. एएसआई के टीम के आने की सूचना को लेकर जिला प्रशासन तैयारियों में लगा हुआ था. सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे थे.
मंदिर में पूजा-अर्चना
फिलहाल इस प्राचीन शिव मंदिर में पूजा-अर्चना शुरू हो गई है. इसके साथ ही कुएं की खुदाई भी हुई है. जिसका सर्वे एएसआई की टीम करेगी. ASI निरीक्षण करके जांच करने की कोशिश करेगी ये मंदिर और कुआं कौन सी सदी का है और इसका महत्व क्या है.
कुएं में से निकली खंडित मूर्तियां
प्रशासन द्वारा मंदिर के पास बने कुएं की खुदाई को 20 फीट के बाद रोक दिया गया था. कुएं में से कई खंडित मूर्तियां निकल रही थीं. इसी को देखते हुए पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की टीम को प्रशासन की तरफ से अवगत कराया गय. इसके बाद अब ASI की टीम शुक्रवार को शिव मंदिर पर पहुंचेंगी. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, ASI की टीम में उत्खनन एवं अन्वेषण अधिकारी, सहायक पुरातत्व अधिकारी और सर्वेक्षक रहेंगे।
खुद अतिक्रमण हटा रहे लोग
इस मुस्लिम बहुल इलाके खग्गू सराय में मंदिर के आस पास लोग खुद ही अतिक्रमण हटा रहे हैं. रिपोर्ट्स की मानें तो यह मंदिर 1978 से बंद था. 46 सालों तक बंद रहने के बाद श्री कार्तिक महादेव मंदिर (भस्म शंकर मंदिर) को 13 दिसंबर को दोबारा खोल दिया गया.
सूत्रों की मानें तो ASI की टीम में उत्खनन एवं अन्वेषण अधिकारी, सहायक पुरातत्व अधिकारी और सर्वेक्षक होंगे. यह टीम पहले DM ऑफिस जाएगी. इसके बाद प्राचीन मंदिर पहुंचेगी. इस दौरान प्रशासन सर्वेक्षण विभाग की टीम को दूसरे कुएं को भी दिखा सकता है.
24 नवंबर को भड़की थी संभल में हिंसा
24 नवंबर को भड़की हिंसा की जांच के लिए सरकार ने तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया है. इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार अरोड़ा की अध्यक्षता वाले इस आयोग में पूर्व आईएएस अधिकारी अमित मोहन प्रसाद और सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी अरविंद कुमार जैन अन्य सदस्य हैं. आयोग को दो महीने में जांच पूरी करने का निर्देश दिया गया है.
क्या है कार्बन डेटिंग
कार्बन डेटिंग एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है, जिसके जरिए पुरातन वस्तुओं, मूर्तियों और संरचनाओं की उम्र का निर्धारण किया जाता है. जांच में ये पता चलेगा कि कार्तिकेश्वर महादेव मंदिर और कुंए का निर्माण कितने साल पहले हुआ. ASI निरीक्षण करके जांच करने की कोशिश करेगी ये मंदिर और कुआं कौन सी सदी का है और इसका महत्व क्या है.
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