Chirag Paswan On Waqf Board Amendment Bill: केंद्र में पीएम मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार अब वक्फ बोर्ड की असीमित शक्तियों पर लगाम लगाना चाहती है. सरकार वक्फ बोर्ड के उस अधिकार को कम करना चाहती है जिसके तहत वो किसी भी संपत्ति को अपना दावा करके उसे नियंत्रित कर सकता है. वहीं इस पर संसद में बिल आने से पहले ही राजनीतिक पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया है. बिहार में भी सियासी पारा चढ़ गया है. राजद ने तो सीधे-सीधे केंद्र सरकार पर धर्म विशेष को निशाना बनाने का आरोप लगाया है, तो जेडीयू ने भी मोदी सरकार को नीतीश कुमार की नीति अपनाने की नसीहत दी है. वहीं अब लोजपा-रामविलास के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की प्रतिक्रिया भी सामने आ गई है. 


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लोजपा भी मुस्लिम पाने की पूरी कोशिश करती रही है. लोजपा के संस्थापक दिवंगत रामविलास पासवान ने तो मुस्लिम को बिहार का सीएम बनाने की शर्त रख दी थी. ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि वक्फ बोर्ड संसोधन बिल पर 'मोदी के हनुमान' क्या सोचते हैं? क्या इस मुद्दे पर भी चिराग पासवान खुलकर पीएम मोदी का समर्थन करेंगे. केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने इस बारे में कहा कि अभी उनके पास इसकी जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा कि पहले एक बार जानकारी आ जाए कि किन-किन चीजों में बदलाव किया जा रहा है, एक बार पूरी चीजों को पढ़ लिया जाए उसके बाद पार्टी अपना रूख अपना रखेगी. चिराग का बयान बड़ा संतुलित है.


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वहीं आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर चिराग ने कहा कि इस पर अपनी तरफ से जो यह ऑब्जरवेशन सुप्रीम कोर्ट के द्वारा आई है, उस पर हम लोगों की भी असहमति है. इस असहमति को हमने प्रमुखता से दर्ज किया है. हम लोग इस बात को लेकर स्पष्ट है कि अनुसूचित जाति का आधार छुआछूत ही है. इसके अलावा इसका कोई आर्थिक आधार नहीं है. यह जो भेदभाव जिसके वजह से ऐसी कास्ट को संविधान में शेड्यूल किया गया इसका आधार हमेशा से छुआछूत रहा है . ऐसे में क्रीमी लेयर का प्रावधान हो ही नहीं सकता. यह कहीं से भी जायज नहीं है. आज भी इतने समय के बाद आज भी उद्धरण देखिए किसी दलित लड़के को घोड़ी से चढ़ने से रोका जाता है. एक दलित परिवार जिसको मंदिर जाने से रोका जाता है. कई ऐसे बड़े पदों पर हैं वह मंदिर जाते हैं तो मंदिर को धोया जाता है. आज भी भेदभाव छुआ छूत के आधार से होता है. लोजपा रामविलास पासवान सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करने जा रहा है ताकि सुप्रीम कोर्ट पुनः विचार करे.


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वही डीएमके नेता एसएस शिवशंकर के भगवान श्रीराम पर दिए विवादित बयान पर चिराग पासवान ने कहा कि डीएमके और उनके नेता का यही काम है. सनातन को डेंगू मलेरिया कहने वाले लोग हैं. ये लोग प्रभु श्री राम के अस्तित्व पर सवाल उठा रहे हैं. मेरा सवाल उनके घटक दलों से हैं. इनके राहुल जी है बताएं न वो सांसद में महादेव की तस्वीर को वह दिखा रहे थे. अब प्रभु श्री राम के अस्तित्व पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं तो सहयोगी के नाते इन लोगों की सोच क्या है?