Waqf Board Amendment Bill 2024: वक्फ बोर्ड संसोधन बिल को लेकर बिहार का सियासी पारा चढ़ा, JDU ने मोदी सरकार को दी ये नसीहत!
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Waqf Board Amendment Bill 2024: वक्फ बोर्ड संसोधन बिल को लेकर बिहार का सियासी पारा चढ़ा, JDU ने मोदी सरकार को दी ये नसीहत!

Bihar Politics: साल 2013 में यूपीए सरकार ने मूल वक्फ एक्ट में बदलाव कर बोर्ड की ताकत और भी बढ़ा दी थी. अब मोदी सरकार वक्फ बोर्ड के अधिकारों को कम करना चाहती है.

वक्फ बोर्ड संसोधन बिल को लेकर सियासी पारा चढ़ा

JDU On Waqf Board Amendment Bill 2024: केंद्र की मोदी सरकार वक्फ बोर्ड एक्ट में संशोधन करने जा रही है. माना जा रहा है कि मोदी सरकार नए कानून के जरिए वक्फ बोर्ड के अधिकारों को कम करना चाहती है. जिससे बिहार में राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है. राजद ने तो सीधे-सीधे केंद्र सरकार पर धर्म विशेष को निशाना बनाने का आरोप लगाया है. राजद के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने इस बिल का विरोध करते हुए कहा कि संसद का यह दायित्व है कि संसद भवन से कोई ऐसा विचार कोई ऐसा संवाद न हो जिससे समाज में बंटवारा हो. वहीं बीजेपी की सहयोगी जेडीयू ने भी सख्त प्रतिक्रिया दी है. जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने इस मामले में केंद्र सरकार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सीख लेने की नसीहद दी है. 

नीरज कुमार ने कहा कि इस विषय में बात हो रही है, लेकिन इसका प्रारूप अभी तक प्राप्त नहीं है. उन्होंने कहा कि इस बिल की ज्यादा जानकारी तो नहीं है, लेकिन इस संदर्भ में बिहार एक मॉडल बना है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वक्फ की संपत्ति की सुरक्षा और संरक्षण के लिए भू राजस्व विभाग के अपर मुख्य सचिव और जिला के अंदर डीएम को अधिकार दिए हैं. उन्होंने कहा कि बिहार सरकार ने वक्फ बोर्ड की संपत्ति के विकास के लिए 100 करोड़ रुपए दिए हैं, जिससे पुस्तकालय और मल्टीपरपस हॉल बनाए जा रहे हैं. नीरज कुमार ने कहा कि वक्फ बोर्ड की संपत्ति का उपयोग गरीबों और अनाथ बच्चों के भविष्य को बेहतर बनाने के लिए होगा. उन्होंने उम्मीद जताई कि बिहार सरकार की इस पहल को केंद्र सरकार भी ध्यान में रखेगी.

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बता दें कि साल 2013 में यूपीए सरकार ने वक्फ एक्ट में बदलाव करके बोर्ड की ताकत को और बढ़ा दिया था. इसके बाद वक्फ बोर्ड को जमीन पर अपना दावा ठोकने के लिए कोई सबूत देने की जरूरत नहीं थी. वहीं वक्फ की संपत्ति का ऑडिट कराने का अधिकार सरकार या कोर्ट किसी के पास भी नहीं है. इसी का नतीजा है कि सशस्त्र बलों और भारतीय रेलवे के बाद भारत में तीसरा सबसे बड़ा भूस्वामी वक्फ बोर्ड है.

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वक्फ अधिनियम का दुरुपयोग तब देखने को मिला जब हरियाणा के यमुनानगर जिले के जठलाना गांव पर ही वक्फ ने अपना दावा कर दिया. इस जमीन के आस-पास तक किसी मुस्लिम बस्ती या मस्जिद के होने का कोई इतिहास नहीं है. इसके बाद भी वोटों के खातिर राजनेता इसे छूट देते रहे. 2019 में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने तो मुकेश अंबानी के मकान को भी वक्फ की संपत्ति बता दिया था और कहा था कि वहां अगर उनकी सरकार होती तो निर्माण को ध्वस्त कर देते.

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