Bihar Politics: दरभंगा में प्रस्तावित एम्स निर्माण पर सियासत थमने का नाम नहीं ले रही. केंद्र की मोदी सरकार और राज्य की नीतीश सरकार एक-दूसरे पर हमलावर हैं. केंद्र का कहना है कि बिहार सरकार उसे जमीन नहीं दे रही है, जबकि नीतीश सरकार का कहना है कि जमीन देने के बाद भी केंद्र सरकार राजनीति कर रही है. गलती किसकी है और राजनीति कौन कर रहा है, ये जनता भी समझ नहीं पा रही है. लेकिन केंद्र और राज्य की सियासत में एम्स का निर्माण फंसा हुआ है. अब इस मामले में डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने बड़ी बात कह दी है.


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तेजस्वी यादव ने शायद गलती से ही इस पूरे मामले की सच्चाई सामने ला दी है. एम्स निर्माण को लेकर तेजस्वी यादव ने कहा कि पैसा ज्यादा हमारा लग रहा है और प्रचार मोदी का होगा. उन्होंने कहा कि केंद्र की सरकार 500 करोड़ देगी और हमारा सिर्फ जमीन देने में 3 हजार करोड़ रुपया लग रहा है. इसके बाद भी नाम मोदी और भारत सरकार का होगा. उन्होंने कहा कि पैसा ज्यादा हमारा लग रहा है और प्रचार मोदी का होगा, क्योकि हमलोग तो ज्यादा प्रचार करते ही नही है. हमलोग तो काम करने मे विश्वास रखते हैं.


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तेजस्वी यादव ने ये बात दरभंगा में आयोजित नोनिया समाज महासम्मेलन में कही. तेजस्वी यादव के इस बयान को सुनकर आप भी सहज अनुमान लगा सकते है कि आखिर दरभंगा में एम्स का निर्माण क्यों नहीं हो रहा है? तेजस्वी ने आगे कहा कि एम्स को लेकर भाजपा वाले कह रहे थे कि दरभंगा एम्स, डीएमसीएच परिसर में बने. लेकिन हमलोग ने इस स्थल के बदले शोभन बाईपास में एम्स निर्माण के लिए जमीन दिया, ताकि दरभंगा का चौमुखी विकास हो सके.


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तेजस्वी ने कहा कि अगर डीएमसीएच परिसर में एम्स का निर्माण होता तो डीएमसीएच का अस्तित्व ही खत्म हो जाता. इसलिए हमलोग ने निर्णय लिया की दरभंगा में एम्स और डीएमसीएच दोनो अस्पताल का अस्तित्व बना रहे. इसके लिए हमलोगों ने शोभन बाईपास में दरभंगा एम्स निर्माण के लिए जमीन दिया. लेकिन केंद्र की सरकार उस जमीन को उपयुक्त नहीं बताकर रिजेक्ट कर रही है.