देश के जाने माने सियासी रणनीतिकार और जेडीयू के पूर्व उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर आज पटना पहुंचे. प्रशांत किशोर जेडीयू से निष्काषित होने के बाद आज पहली बार पटना पहुंचे और प्रेस कॉन्फ्रेंस भी किया.
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पटना: देश के जाने माने सियासी रणनीतिकार और जेडीयू (JDU) के पूर्व उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) आज पटना पहुंचे. प्रशांत किशोर ने जेडीयू से निष्काषित होने के बाद आज पहली बार पटना पहुंचे और प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की.
प्रशांत किशोर की यह प्रेस कॉन्फ्रेंस इसलिए भी अहम थी, क्योंकि सभी दलों की नजर इस पर थी कि जेडीयू से निकाले जाने के बाद उनकी आगे की रणनीति क्या होगी. प्रशांत किशोर ने कई मुद्दों पर बात की. उन्होंने अपने और नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के साथ संबंधों पर भी चर्चा की और साथ ही यह भी खुलासा कि उनके और नीतीश कुमार के बीच क्यों मतभेद हुए.
मेरे-नीतीश जी के राजनीतिक संबंध नहीं
प्रशांत किशोर ने कहा कि उनका और नीतीश कुमार का संबंध विशुद्ध राजनीतिक नहीं है. उन्होंने कहा कि मैं और नीतीश कुमार पहली बार नंवंबर 2014 में मिले थे और तब से उन्होंने अपने बेटे की तरह मुझे रखा है. जब मैं दल में था तब भी और नहीं था तब भी उनके और मेरे बीच अच्छे संबंध रहे हैं. कई मायनों में मैं उन्हें पिता तुल्य मानता हूं. उन्होंने मुझे पार्टी में रखने का या निकालने का जो भी फैसला लिया है मैं उसे स्वीकार करता हूं.
Political strategist Prashant Kishor: I am starting a program called 'Baat Bihar ki' from 20th February, to work towards making Bihar one of the 10 best states in the country pic.twitter.com/fZ2GOQM0oo
— ANI (@ANI) February 18, 2020
कोई टिप्पणी नहीं
प्रशांत किशोर साफ-साफ कहा है कि ये नीतीश कुमार का एकाधिकार है कि वो मुझे पार्टी में रखें या नहीं रखें. उस पर आज या कभी भी किसी तरह की टीका-टिप्पणी का सवाल ही नहीं है लेकिन मेरे मन में उनके लिए हमेशा आदर था, आज भी है और आगे भी रहेगा.
मतभेद के दो कारण
प्रशांत किशोर ने साफ-साफ कहा कि उनके और नीतीश कुमार के बीच मतभेद पिछले एक-दो महीने में नहीं बल्कि लोकसभा चुनाव के समय से ही चल रहा था. उन्होंने कहा कि एक वैचारिक पोजिशनिंग को लेकर मतभेद है. प्रशांत किशोर ने कहा कि मेरी जितनी बार नीतीश कुमार से बात होती रही है, वो हमेशा यही कहते रहे हैं कि गांधी, जेपी और लोहिया की बातों को हम नहीं छोड़ सकते. मेरे मन में दुविधा रही है कि जब आप गांधी जी की बातों को लेकर शिलापट्ट पर लगवा रहे हैं तो गोडसे के साथ खड़े हुए लोग या उनके विचारधारा के साथ खड़े लोगों के साथ कैसे रह सकते हैं. प्रशांत किशोर ने सवाल उठाते हुए कहा कि ऐसे में वो बीजेपी के साथ कैसे खड़े रह सकते हैं. उनकी अपनी और मेरी अपनी सोच है लेकिन कोई गांधी और गोडसे दोनों के साथ नहीं चल सकता है.
मतभेद का दूसरा कारण
प्रशांत किशोर ने ये भी खुलासा किया कि उनके और नीतीश कुमार के बीच मतभेद का दूसका कारण गठबंधन में पोजिशनिंग को लेकर रही है. ये सभी जानते हैं कि नीतीश कुमार और बीजेपी 15 साल से थे. 2004 के बाद नीतीश कुमार जिस तरह से बीजेपी के साथ रहे हैं और आज जैसे हैं, उसमें जमीन आसमान का फर्क है. मेरे लिए 2014 के नीतीश कुमार धूल-धूसरित हारे हुए दो एमपी के नेता का ज्यादा सम्मान है बजाय आज के 16 एमपी के साथ के नीतीश कुमार के. आज उनकी स्थिति यह है कि उनको गुजरात के नेता बताते हैं कि आप ही नेता बने रहेंगे. मेरे लिए ये अच्छी बात नहीं है.
नीतीश कुमार मैनेजर नहीं
प्रशांत किशोर ने कहा है कि नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री हैं. वो बिहार की आन-बान-शान हैं. वो कोई मैनेजर नहीं हैं, उनको कोई नेता नहीं बताएगा कि आप बिहार के नेता है. बिहार राज्य वो नेता चाहता है जो सशक्त हो और समृद्ध हो और अपनी बात कहने में किसी का पिछल्लगू नहीं रहे. इसी बातों को लेकर उनसे मेरा मतभेद रहा है.
पूछा- क्या हो रहा है विकास
प्रशांत किशोर ने साफ-साफ कहा है कि किसी के सामने झुकने से बिहार का विकास हो रहा है तो मुझे कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन क्या बिहार की इतनी तरक्की हो गई. उन्होंने सवालिया अंदाज में कहा कि इतने कंप्रोमाइज के बाद भी क्या तरक्की हुई है? क्या विशेष राज्य का दर्जा मिला? एक छोटी सी बात पटना यूनिवर्सिटी को सेंट्रल यूनिवर्सिटी बनाने के लिए उन्होंने हाथ तक जोड़ेे, लेकिन सरकार ने आज तक रिप्लाई नहीं किया.
बिहार की जनता खड़ी होगी
प्रशांत किशोर ने कहा कि लोगों का मानना है बिहार में सरकार में रहने के लिए बीजेपी जरूरी है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के सीएम बनने के बाद बिहार में खूब विकास हुआ है, लेकिन धीमा हुआ है. नीतीश जी ने इसे एकाधिकार बना लिया है कि जो किया वही बहुत किया, लेकिन मुझे लगता है कि बिहार में वो समय आ गया है कि जब लोग जानना चाहते हैं कि पिछली सरकार के मुकाबले क्या किया, लेकिन ये भी बताइए कि अगले 10 साल में क्या कीजिएगा. प्रशांत किशोर ने कहा कि मैं एक ऐसी टीम लड़कों की बनाना चाहता हूं जो राजनीति में काम करना चाहते हैं.
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