लेकिन बात यहीं खत्म हो गई होती तो कुछ और ही बात थी. पीके ने नया राग छेड़ दिया. उन्होंने आगे लिखा- लेकिन इससे परे बिहार के हित और हमारे आस-पास के सामाजिक सौहार्द से जुड़े बड़े मुद्दे हैं.
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पटना: बिहार विधानसभा में बजट सत्र चल रहा है लेकिन चर्चा एनआरसी और एनपीआर की हो रही है. वह इसलिए कि नीतीश सरकार ने एनआरसी-एनपीआर पर केंद्र सरकार को चिठ्ठी लिखने के बाद एक प्रस्ताव पारित किया है जिसपर विपक्ष ने भी एकजुट हो कर सरकार के इस प्रस्ताव का समर्थन किया. अब इस पर प्रशांत किशोर ने भी नीतीश कुमार की तारीफ की लेकिन जरा दबी-दबी सी और आलोचनात्मक शब्दों में ही.
प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर कहा कि "एनआरसी-एनपीआर पर अपनी बात पर बने रहने के लिए नीतीश कुमार का धन्यवाद. लेकिन बात यहीं खत्म हो गई होती तो कुछ और ही बात थी. पीके ने नया राग छेड़ दिया. उन्होंने आगे लिखा- लेकिन इससे परे बिहार के हित और हमारे आस-पास के सामाजिक सौहार्द से जुड़े बड़े मुद्दे हैं."
#NPR_NRC पर अपनी बात पर बने रहने के लिए @NitishKumar ज़ी धन्यवाद।
But beyond this there are larger issues concerning interest of Bihar and the social harmony around us. We can only hope that you would stay true to your inner conscious and stand up on both these counts as well.
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) February 26, 2020
हम केवल यह आशा कर सकते हैं कि आप अपने भीतर के प्रति सचेत रहें और इन दोनों ही मामलों में भी खड़े रहें. प्रशांत किशोर का यह ट्वीट कई मायनों में उनकी हठधर्मिता को दर्शाता है. ऐसा इसलिए कि पीके जेडीयू प्रमुख नीतीश कुमार से एनआरसी और एनपीआर को लेकर ही बिफरे थे.
इसके बाद उन्होंने पार्टी प्रमुख पर सवालिया निशान उठाने शुरू कर दिए थे. अब जबकि नीतीश सरकार ने विधानसभा में एनआरसी-एनपीआर पर प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार के पास भेज दिया है तो पीके के पास कोई ठोस वजह नहीं बची.
बिहार विधानसभा में नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव की मुलाकात और एनआरसी-एनपीआर पर सरकार और विपक्ष दोनों का एकमत स्टैंड पीके को शायद ही रास आ रहा होगा. जेडीयू से निष्कासित किए जाने के बाद से ही नए और जुझारू क्लाइंट की तलाश में पीके इस घटनाक्रम से खुश तो नजर नहीं आ रहे हैं. कम से कम उनके बरगलाने वाले ट्वीट के लहजे से तो यहीं लग रहा है.