कटिहार: Dragon Fruit: बिहार का कटिहार बाढ़-कटाव और वाले अपनी पहचान को दरकिनार कर अब वंडर फ्रूट के उत्पादन में अपना जलवा बिखेर रहा है. वियतनाम-अमेरिका और चीन की ड्रैगन खेती ने कटिहार के किसानों को मालामाल कर दिया है. जिले के 16 प्रखंडों की बंजर धरती अब किसानों के झोले को पैसे से भर रही है. पश्चिम बंगाल समेत बिहार के बाजार में लाल फल की भारी डिमांड है.


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एक एकड़ में लाखों का मुनाफा


कटिहार दौरे पर आए जिला प्रभारी सह सहकारिता मंत्री सतेन्द्र प्रसाद यादव यहां के किसानों की मेहनत देखकर उनके कायल हो गए हैं. उन्होंने किसानों को भरोसा दिया है कि सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से ड्रैगन खेती पर विशेष वैज्ञानिकों की टीम से किसानों को उन्नत ड्रैगन फ्रूट्स खेती की जानकारी उपलब्ध कराएंगे. वहीं कृषि विज्ञान केंद्र की कृषि वैज्ञानिक रीता सिंह की माने तो जिला के किसान महज एक एकड़ में 1700 प्लांटों को लगाकर लाखों का मुनाफा कमा रहे हैं. इस फल से इंसानों में ह्यूमैनिटीज को बढ़ाने में काफी मदद मिलता है.


खेती से किसान हो रहे मालामाल


पूरे जिले में फल की विशेषता आत्मा और बागवानी मिशन से लाभान्वित किसानों को मिली है.  कटिहार के बाजारों से महानगरों तक पहुंचने वाली यह ड्रैगन 150 रुपये प्रति फल बिक रहा है. एंटीऑक्सीडेंट्स की खूबियों से यह फल विभिन्न बीमारियों में उपयोगी बतायी गयी है. स्वास्थ्य विभाग के सिविल सर्जन का मानना है कि इस फल की उत्पत्ति अमेरिका में हुई थी. स्वस्थ के लिए यह लाभप्रद इस वजह है कि मिनरल-विटामिन-मैग्नीशियम के साथ साथ विटामिन A से लेकर C तक काफी मात्रा में होती है. वहीं किसानों की माने तो इस लाल फल का बाजार गर्म है. प्रति एकड़ 5 लाख का मुनाफा है.


इनपुट- राजीव रंजन


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