पटना लाया जाएगा रामविलास पासवान का पार्थिव शरीर, शनिवार को होगा अंतिम संस्कार
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पटना लाया जाएगा रामविलास पासवान का पार्थिव शरीर, शनिवार को होगा अंतिम संस्कार

रामविलास पासवान (Ramvilas Paswan) के पार्थिव शरीर को आखिरी दर्शनों के लिए आज सुबह 10 बजे उनके आवास 12 जनपथ पर रखा जाएगा. वहां पर लोग अपने इस प्रिय नेता को श्रद्धांजलि देने के लिए आ सकेंगे. 

रामविलास पासवान का शनिवार को पटना में अंतिम संस्कार होगा.(फाइल फोटो)

नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री और एलजेपी नेता रामविलास पासवान (Ramvilas Paswan) का 74 साल की उम्र में बीमारी के बाद गुरुवार को निधन हो गया. उनका पिछले कुछ समय से दिल्ली के अस्पताल में इलाज चल रहा था. कुछ दिनों पहले उनकी हार्ट सर्जरी भी हुई थी. इस दौरान उनके बेटे चिराग पासवान और पूरा परिवार उनके साथ था. 

रामविलास पासवान (Ramvilas Paswan) के पार्थिव शरीर को आखिरी दर्शनों के लिए आज सुबह 10 बजे उनके आवास 12 जनपथ पर रखा जाएगा. वहां पर लोग अपने इस प्रिय नेता को श्रद्धांजलि देने के लिए आ सकेंगे. 

जानकारी के मुताबिक रामविलास पासवान का पार्थिव शरीर फिलहाल एस्कॉर्ट अस्पताल में रखा हुआ है. इसी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था. वहां से उनका पार्थिव शरीर आज सुबह 10 बजे उनके सरकार आवास 12 जनपथ दिल्ली में लाया जाएगा. लोगों के अंतिम दर्शन करने के बाद उनके पार्थिव शरीर को दर्शन के लिए दोपहर 2 बजे पटना ले जाया जाएगा. वहां पर उनका पार्थिव शरीर लोक जनशक्ति पार्टी कार्यालय में रखा जाएगा. वहां पर भी उनके प्रशंसक उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित कर सकेंगे. शनिवार सुबह उनका पटना में ही अंतिम संस्कार किया जाएगा. 

रामविलास पासवान के निधन प प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर शोक प्रकट करते हुए कहा कि पासवान जी का निधन मेरे लिए व्‍यक्तिगत क्षति है. उनकी कमी को पूरा नहीं कर सकते. राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि देश ने एक दूरदर्शी नेता को खो दिया.

रिकॉर्ड मतों से जीता था चुनाव
5 जुलाई 1946 को जन्‍मे रामविलास पासवान लगातार नौ बार लोक सभा के सांसद बने. 1977 के चुनाव में बिहार के हाजीपुर से उन्‍होंने रिकॉर्ड साढ़े पांच लाख मतों से अधिक वोटों से चुनाव जीता था. उस रिकॉर्ड को लंबे समय तक कोई तोड़ नहीं पाया. सत्‍ता के गलियारे में रामविलास पासवान की भूमिका हमेशा किंगमेकर की बनी रही. वह अटल बिहारी वाजपेयी के दौर में भी मंत्री रहे. 2004 में उन्‍होंने एनडीए से नाता तोड़ा. 2005 में उन्‍होंने लोक जनशक्ति पार्टी का गठन किया और उस साल बिहार के हुए विधानसभा चुनाव में उन्‍होंने 29 सीटें जीतकर सबको हैरान कर दिया. उसके बाद वह यूपीए से जुड़ गए. 

2014 के आम चुनाव से पहले वह एक बार फिर एनडीए में शामिल हो गए. 2019 के आम चुनावों में लोजपा ने छह सीटों पर बिहार में चुनाव लड़ा और सभी सीटों पर जीत हासिल की. रामविलास खुद चुनावी मैदान में नहीं उतरे और राज्‍यसभा के सदस्‍य बने.