रांची: झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा (जे-टेट) उत्तीर्ण 14 हजार से भी ज्यादा सहायक प्राध्यापक पिछले तीन महीनों से आंदोलित हैं. वे ग्रेड वेतनमान देने और सेवा को स्थायी करने की मांग कर रहे हैं. झारखंड में राजभवन के समक्ष सहायक प्राध्यापकों का समूह जत्थेवार तरीके से पिछले 90 दिनों से लगातार धरना दे रहा है. आंदोलित सहायक प्राध्यापकों का कहना है कि राज्य के सरकारी स्कूलों में शिक्षण व्यवस्था वही संभाल रहे हैं. सरकारी स्कूलों में नियमित शिक्षकों की संख्या बहुत ही कम है, लेकिन इसके बाद भी सहायक प्राध्यापकों के साथ सरकार उपेक्षापूर्ण व्यवहार कर रही है.


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जेटेट उत्तीर्ण जिन शिक्षकों की नियुक्ति वर्ष 2012 में प्रारंभिक शिक्षक नियुक्ति नियमावली के आधार पर हुई, उनकी नियुक्तियां ग्रेड-पे के आधार पर हुई, लेकिन उसी नियमावली के तहत 2016 में जिन जेटेट पास अभ्यर्थियों की सहायक प्राध्यापक के तौर पर नियुक्ति हुई, उन्हें 21 हजार से लेकर 22 हजार 500 रुपए का फिक्स वेतन दिया जा रहा है.


महंगाई के इस दौर में इतने कम वेतन पर काम करना मुश्किल है. धरना दे रहे अध्यापकों ने कहा कि उन्हें पहले राज्य की भाजपा की सरकार ने ठगा और अब झामुमो के नेतृत्व वाली महागठबंधन की सरकार भी उनकी वाजिब मांग पर ध्यान नहीं दे रही है. यह सरकार युवाओं को रोजगार का भरोसा देकर सत्ता में आई थी, लेकिन इस बाद उसने अपने वादों को भुला दिया.


झारखंड राज्य टेट सफल सहायक अध्यापक समन्वय समिति के प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से शिक्षकों का प्रतिनिधिमंडल मिला था, उन्होंने उनकी मांगों पर सकारात्मक पहल का आश्वासन भी दिया था, लेकिन इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई. समिति ने तय किया है कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाती, धरना जारी रहेगा.


इनपुट-आईएएनएस के साथ 


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