Latehar: झारखंड में मौसम की बेरुखी ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है. जिसके कारण धान की खेती की रोपाई नहीं हो पा रही है. इसी को देखते हुए सरकार भी सजग हो गई है. इस बार बारिश का अनुपात कम होने की वजह से लातेहार जिले में महज 3 प्रतिशत ही धान का बिचड़ा किसानों ने लगाया है. जोकि सरकार के लिए एक चिंता का विषय है. इसको लेकर कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने लातेहार के किसानों से मुलाकात की. 


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सुख रही है धान की खेती
इस बार झारखंड समेत कई राज्यों में मानसून आने के बाद भी अच्छी बारिश नहीं हुई है. जिसके कारण किसानों की चिंताएं लगातार बढ़ रही है. इस बार झारखंड में धान की खेती का बिचड़ा भी किसानों ने कम लगाया है. यहां तक की लातेहार जिले में किसानों ने बारिश नहीं होने के कारण महज 3 प्रतिशत ही धान का बिचड़ा लगाया है. किसानों द्वारा लगाया गया धान का बिचड़ा भी तेज धूप और बारिश नहीं होने के कारण सूख रहा है. 


कृषि मंत्री ने की किसानों से मुलाकात
ऐसे हालातों में झारखंड के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने पलामू प्रमंडल में जाकर किसानों से उनकी दिक्कतों के बारे में जानकारी हासिल की और उसके समाधान को लेकर जल्द से जल्द काम करने को भी कहा. इसके अलावा कृषि मंत्री ने लातेहार जिले के अधिकारियों के साथ बैठक कर किसानों की खेती का मूल्यांकन कर जल्द से जल्द सरकार को रिपोर्ट करने का निर्देश दिया है. 


लातेहार में 3 प्रतिशत बिचड़ा लगाया गया
वहीं, उन्होंने कहा कि किसानों के दर्द को जानने के लिए वह लातेहार आए हैं. किसानों से बातचीत करने के बाद लातेहार के अधिकारियों के साथ बैठक भी की है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि इस बार मौसम की बेरुखी देखने को मिल रही है. गढ़वा में 1 प्रतिशत, पलामू में 2 प्रतिशत और लातेहार में महज 3 प्रतिशत ही किसानों ने धान का बिचड़ा लगाया है. जोकि सरकार के लिए काफी चिंता का विषय है. 


सूखे के कारण किसानों की बढ़ी चिंताएं
वहीं, जल संचय को लेकर तलाब से लेकर कुएं और डैम सभी के हालात बुरे हैं. किसानों को अपनी खेती की रोपाई के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं मिल रहा है. जिसके कारण धान की खेती पूरी तरह से सूखने लगी है और किसानों की चिंता बढ़ रही है. कृषि मंत्री ने डैम, तलाब और कुओं को जल्द से जल्द दुरूस्त करने का निर्देश दिया हैं. उन्होंने कहा कि समस्याओं के समाधान को लेकर झारखंड सरकार और केंद्र सरकार के बीच बातचीत चल रही है ताकि इसका जल्द ही हल निकाला जा सके.


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