रांची: Hemant Soren: ईडी की कार्रवाई को चुनौती देने और अंतरिम जमानत की मांग वाली याचिका झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता हेमंत सोरेन को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा झटका दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने हेमंत सोरेन को राहत देने से साफ इंकार कर दिया है. जिसके बाद हेमंत सोरेन के वकील ने अपनी अंतरिम जमानत की याचिका वापस ले ली.  


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इससे पहले बुधवार को कार्यवाही के दौरान कपिल सिब्बल ने दलीलें रखीं, लेकिन कोर्ट ने इस बात पर असंतोष व्यक्त किया कि उनके सामने तथ्यों को छिपाने की कोशिश की गई और यह अच्छा आचरण नहीं है.


बता दें कि इससे पहले मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान हेमंत सोरेन की ओर से पक्ष रखते हुए सिब्बल ने कहा था कि जिस जमीन पर कब्जे के आरोप में ईडी ने हेमंत सोरेन के खिलाफ कार्रवाई की है, वह जमीन छोटानागपुर टेनेंसी एक्ट के तहत “भुईंहरी” नेचर की है और इसे किसी भी स्थिति में किसी व्यक्ति को बेचा या हस्तांतरित नहीं किया जा सकता. इस जमीन की लीज राजकुमार पाहन के नाम पर है. इस जमीन पर हिलेरियस कच्छप नामक एक व्यक्ति खेती करता था और बिजली का कनेक्शन उसी के नाम पर है. इससे हेमंत सोरेन का कोई संबंध नहीं है.


सिब्बल ने कहा था कि हेमंत सोरेन पर वर्ष 2009-10 में इस जमीन पर कब्जा करने का आरोप लगाया गया, लेकिन इसे लेकर कहीं कंप्लेन दर्ज नहीं है. अप्रैल 2023 में ईडी ने इस मामले में कार्यवाही शुरू की और सिर्फ कुछ लोगों के मौखिक बयान के आधार पर बता दिया कि यह जमीन हेमंत सोरेन की है. ईडी के पास इस बात के कोई सबूत नहीं हैं कि हेमंत सोरेन ने इसपर कब, कहां और किस तरह कब्जा किया.


ईडी की ओर से असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल एस.वी. राजू ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि इस बात के पर्याप्त सबूत हैं कि बरियातू की 8.86 एकड़ जमीन पर हेमंत सोरेन का अवैध कब्जा है. इस जमीन के कागजात में भले हेमंत सोरेन का नाम दर्ज नहीं है, लेकिन जमीन पर अवैध कब्जा पीएमएलए के तहत अपराध है.


उन्होंने कहा कि सक्षम न्यायालय द्वारा मामले में संज्ञान लिया जा चुका है. जमानत याचिका को रद्द करते हुए सक्षम अदालत ने यह कहा है कि प्रथम दृष्टया आरोप सही प्रतीत होते हैं. इसके बाद कपिल सिब्बल ने कहा था कि वह जमानत नहीं मांग रहे हैं, वह तो ईडी द्वारा हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी को चुनौती दे रहे हैं.


'बहोत से कानूनी विकल्प खुले हैं'
सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की याचिका को सुनने से इनकार कर दिया है. इस मामले पर कांग्रेस नेता राजीव रंजन ने कहा कि न्यायालय के फैसले पर कोई टिप्पणी नहीं करनी. लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने आगे कहा कि हमारे पास कई और कानूनी विकल्प खुले हैं. जिसे हम जरूर इस्तेमाल करेंगे.
इनपुट- आईएएनएस के साथ


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