रांची: Jharkhand Government: झारखंड सरकार ने राज्य के ट्रांसजेंडर्स के हित में बड़ा फैसला लिया है. सरकार उनके कल्याण के लिए बोर्ड का गठन करेगी. इसके अलावा प्रत्येक जिले में उपायुक्त की अध्यक्षता में उनके लिए स्पेशल कमेटी का गठन किया जायेगा. राज्य में सरकार ने ट्रांसजेंडरों को ओबीसी-टू का दर्जा दिया है. उनके हितों के संरक्षण के लिए एक समेकित योजना तैयार की जा रही है. यह जानकारी महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग के सचिव कृपानंद झा ने मंगलवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में दी.


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उन्होंने सामाजिक सुरक्षा के तहत किये जा रहे कार्यों का ब्योरा देते हुए कहा कि सर्वजन पेंशन योजना के तहत राज्य में कुल नौ योजनाएं चलाई जा रही हैं. इनमें तीन केन्द्र संपोषित हैं, जबकि छह पेंशन योजनाएं राज्य सरकार द्वारा संचालित की जा रही हैं. पेंशनधारियों को समय पर भुगतान हो, इसके लिए सरकार ने अलग से 100 करोड़ के रिवॉल्विंग फंड का इंतजाम किया है. चार वर्षों में राज्य के पेंशनधारियों में 82 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है.


राज्य के आंगनबाड़ी केन्द्रों में बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए सरकार की ओर से उठाए जा रहे कदमों के बारे में जानकारी देते हुए बताया गया कि 10 हजार से ज्यादा आंगनबाड़ी केन्द्रों के भवन का निर्माण डीएमएफटी/सीएसआर फंड के तहत कराने की योजना है. केन्द्रों में एलपीजी सिलेंडर, वाटर प्यूरीफायर और स्मार्ट टीवी आदि जैसी सुविधा दी जायेगी. इसके साथ ही 29 हजार से ज्यादा सेविकाओं को स्मार्ट मोबाइल उपलब्ध कराया जायेगा.


विभागीय सचिव ने बताया कि बाल कल्याण के तहत विषम परिस्थितियों में रह रहे बच्चों के संरक्षण और देखभाल के लिए 4 हजार रुपये प्रति बच्चा स्पॉन्सरशिप राशि उपलब्ध कराई जा रही है. अब तक यह लाभ 4 हजार 497 बच्चों को दिया जा चुका है. बताया गया कि विभाग के अधीन बाल विकास परियोजना के रिक्त पदों में विरुद्ध 64 पदों पर तथा महिला पर्यवेक्षिकाओं के रिक्त पदों के विरुद्ध 444 पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी.


इनपुट- आईएएनएस


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