Ranchi: झारखंड में भी ब्लैक फंगस (Black Fungus) का मामला धीरे-धीरे न सिर्फ सामने आने लगा है बल्कि बढ़ने लगा है. डॉक्टरों की मानें तो अभी तक आने वाले समय में अलर्ट रहना पड़ेगा. इसकी वजह आनन-फानन में डॉक्टरों के द्वारा एस्ट्रोइड की ज्यादा मात्रा में इस्तेमाल होना बताते हैं. 


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वहीं, जिस तरह से झारखंड में भी ब्लैक फंगस के मामले सामने आने लगे हैं. इसके कारण मरीज के परिजन को दवा नहीं मिल रही हैं. ब्लैक फंगस के दवा नहीं मिलने से मरीज के परिजन परेशान हो रहे हैं. रिम्स ट्रॉमा (Rims Trauma) इंचार्ज डॉक्टर प्रदीप भट्टाचार्य की मानें तो इसकी वजह है, कि ऐसी दवा का इस्तेमाल नहीं हो रहा था इसलिए इसकी उपलब्धता नहीं है. राज्य सरकार ने इसे गम्भीरता से लिया है. 


सरकार इस दवा की उपलब्धता में जुटी है. फिलहाल इसके विकल्प से काम चलाने की कोशिश है. इसके साथ ही कुछ मरीजों के परिजन तो ऐसे हैं जो महंगी दवा खरीद पाने में सक्षम नहीं हैं. बता दें कि ब्लैक फंगस का तोड़ शासन-प्रशासन को समझ ही नहीं आ रहा है. धीरे-धीरे इस भंयकर बीमारी ने राज्य में अपने पांव पसारने शुरू कर दिए हैं. 


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जानकारों के मुताबिक, कोविड-19 के मरीज को यह रोग होने की संभावनाएं ज्यादा रहती है. कोरोना से भी खतरनाक यह रोग माना जा रहा है. इस रोग में इंसान अपने आंखों की रोशनी बहुत जल्दी खो देते हैं और बाद में अपनी जान भी गवां देते हैं.