रांची: Jharkhand Politics: झारखंड कांग्रेस ने राज्य में पार्टी को मजबूती देने के उद्देश्य से राजधानी रांची सहित सभी जिलों में कांग्रेस जिला अध्यक्ष को नियुक्त किया. लेकिन जिला अध्यक्षों की नियुक्ति पर पार्टी के भीतर और मुसलमानों का सामाजिक संगठन सवाल उठा रहा है. सभी ये आरोप लगा रहे है कि मुसलमानों की हिमायती कही जाने वाली कांग्रेस मुसलमानों को दरकिनार कर रही है. जिसका अब विरोध भी होने लगा है. वहीं इस मामले पर अब राजनीति भी शुरू होने लगी है.


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विवादों में जिला अध्यक्षों की नियुक्ति
हेमंत सरकार में कांग्रेस कोटे के मंत्री आलमगीर आलम ने कहा इस मामले में कहा कि निश्चित रूप से लोगों में नाराजगी है और इस विषय में मैंने पार्टी प्रभारी से बात की है. जो भी चूक हुई है उसे जल्द दूर कर लिया जाएगा. वहीं अंजुमन इस्लामिया के अध्यक्ष हाजी मुख्तार ने पूरे मामले में कांग्रेस प्रदेश प्रभारी और अध्यक्ष की मंशा को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि इसमें कोई बड़ी साजिश की बू आती है और अंजुमन इस्लामिया यह मांग करती है कि मामले पर पुनः विचार हो वरना पार्टी को इसका खामियाजा भी  भुगतना पड़ सकता है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने शुरू से ही मुसलमानों को बेवकूफ बनाने का काम किया है और आगे भी कर रही


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कई और पद अभी भी खाली
मुसलमानों के सामाजिक संगठन की तरफ से उठ रहे सवाल के बाद कांग्रेस प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने कहा कि यह साक्षात्कार के अनुसार तय हुआ है लेकिन अगर लोगों को लग रहा है तो विरोध भी लाजमी है. जिस पर आलाकमान निर्णय लेगा. राकेश सिन्हा ने कहा है कि संगठन सिर्फ जिला अध्यक्षों से नहीं चलता कई और पद अभी भी खाली हैं. जहां पर सभी लोगों को समावेश किया जाएगा. वही रांची महानगर के नवनियुक्त अध्यक्ष कुमार राजा का कहना है कि इस पूरे प्रकरण में उनका कुछ भी बोलना ठीक नहीं और वो इसके मामले पर प्रतिक्रिया देने के लिए सही व्यक्ति नहीं हैं. लेकिन उनकी कोशिश रहेगी कि सभी को साथ लेकर चलना.