Latehar: झारखंड के लातेहार में पिछले काफी समय से वन माफिया जंगलों की कटाई कर वन उजाड़ने में लगे हुए हैं. जिसको लेकर ग्रामीण काफी परेशान हैं और प्रशासन इसको लेकर कोई कदम नहीं उठा रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ वन माफियाओं के खिलाफ ग्रामीणों ने अभियान छेड़ दिया है. ग्रामीणों द्वारा जंगलों को बचाने का लिए 24 घंटे निगरानी की जा रही है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

24 घंटों तक करेंगे निगरानी
दरअसल, वन माफियाओं के द्वारा जंगलों की कटाई की जा रही है. जिसको लेकर ग्रामीण जंगल की सुरक्षा के लिए निगरानी कर रहे हैं. लातेहार वन प्रमंडल खैरा गांव के ग्रामीणों के द्वारा यह नियम बनाया गया है कि सभी लोग अलग अलग क्षेत्रों में जाकर 24 घंटे पेड़ों की हिफाजत करेंगे. जहां पूरी दुनिया इस समय ग्लोबल वार्मिंग की चपेट में आ चुकी है. वहीं वन माफिया अपने मतलब के लिए जंगलों की कटाई कर रहे हैं. लेकिन लातेहार सदर प्रखंड के खैरा गांव के लोग अपने आस पास के जंगलों को बचाने में लगे हुए हैं. यह क्षेत्र पूरी तरह से आदिवासी बाहुल्य इलाके का है. इस गांव के बराबर में लगभग 4 किलोमीटर की परिधि में जंगल फैला हुआ है. 


टीम बनाकर कर रहे पेड़ों की रखवाली
वहीं ग्रामीण बताते हैं गांव कि लोग टीम बनाकर पेड़ों की रखवाली करते हैं. साथ ही साथ अगर वन तस्कर जंगल से लकड़ी काटते पकड़े जाते हैं तो उन्हें दंडित भी किया जाता है. लकड़ी को सीज कर वन विभाग के अधिकारी को सौंप दिया जाता है. लोगों का कहना है कि जंगल को सुरक्षित रखने से ग्रामीणों के कई फायदे होते हैं. जिसमें से सबसे पहले ग्रामीणों को शुद्ध हवा और बेहतर मौसम का फायदा मिलता है. साथ ही साथ हाल ही में जब कोरोना के कारण पूरी दुनिया में कोहराम मचा था, हवा विषैले हो चुकी थी. उसके बावजूद भी इस जंगल क्षेत्र में बसे ग्रामीणों को कोरोना महामारी का कोई असर नहीं हुआ था. वहीं, वनों के क्षेत्र पदाधिकारी ने कहा कि ग्रामीणों के द्वारा जंगल बचाने में जो सार्थक पहल की जा रही उसे अन्य गांव के ग्रामीणों को सीख लेने की जरूरत है. इसके अलावा वन विभाग समय-समय पर इन ग्रामीणों को सरकारी सुविधा भी मुहैया कराई जाती है. 


ये भी पढ़िये: Rajasthan RPSC Recruitment 2022: सिविल सेवा की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए सुनहरा मौका, यहां निकली बंपर वैकेंसी, जानें पूरी डिटेल्स