All Souls Day 2022 : पूरी दुनिया में ईसाई धर्म को मानने वाले हर साल 2 नवंबर को 'ऑल सोल्स डे' मनाते हैं. इस दिन लोग कब्रिस्तानों में जाते हैं और अपने पूर्वजों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं. सभी अपने पूर्वजों की कब्र पर फूल चढ़ाते हैं और मोमबत्ती जलाते हैं और उनकी आत्मा की शांति के लिए गॉड से प्रार्थना करते हैं.  


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ऐसे हुई 'ऑल सोल्स डे' मनाने की शुरुआत 
बतातें चलें कि एकदम छोटे स्तर से शुरू हुआ 'ऑल सोल्स डे' मनाने की यह प्रथा अब पूरी दुनिया में फैल गई है और दुनिया भर के ईसाई 2 नवंबर को इस दिन कब्रिस्तान में जाकर प्रार्थना करते हैं. इसकी शुरुआत सबसे पहले क्लूनी के संत ओडिलो द्वारा की गई थी. जिन्होंने मृतकों की स्मृति के लिए यह किया था और इसे मान्यता दी गई थी. इसे संत ओडिलो ने अपनाया जो बाद में पूरे यूरोप की सबसे महत्वपूर्ण घटना बनी.


इसलिए कहा जाता है इसे आत्माओं का दिवस
इसे ईसाई धर्म के लोग आत्माओं का दिवस के रूप में भी मनाते हैं. ईसाई धर्म के जानकारों की मानें तो इस दिन मृत आत्माओं को जो स्वर्ग में बैठे हैं उनके लिए उनके स्वजन दुआएं करते हैं. वह इस बात की तस्दीक करते हैं कि उनके पूर्वजों की आत्माएं वहां स्वर्ग में बेहद खुश हैं. 'ऑल सोल्स डे' पहली बार फ्रांस में 998 एडी में मनाया गया था.


ऐसे मनाया जाता है 'ऑल सोल्स डे'
कई जगहों पर और कई देशों में ईसाई धर्म के लोग इस दिन दिन घंटी, मोमबत्ती जलाकर अपनी पूर्वजों को याद करते हैं. कुछ जगहों पर तो बच्चों को केक खिलाकर इस दिन को मनाया जाता है. इस दिन भजन गाने की भी परंपरा है. कई जगहों पर इस दिन को दुखी होकर नहीं बल्कि हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. इसके लिए कब्रिस्तान सहित चर्च में प्रर्थाना सभा का आयोजन किया जाता है. 


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