Lohardaga: पूरे देश में 11 अगस्त को राखी का त्यौहार मनाया जाएगा. राखी के त्यौहार के लिए पूरे देश में तैयारियां की जा रही हैं. वहीं, झारखंड के लोहदगा में भी आदिवासी इलाके की ग्रामीण महिलाओं ने अपने हाथों से राखी निर्मित की है. जिसमें झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी (जेएसएलपीएस ), ग्रामीण विकास विभाग के द्वारा इन ग्रामीण महिलाओं को राखी बनाने का प्रशिक्षण दिया गया है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

25 प्रकार की बनाई जा रही राखी
दरअसल, झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी की ओर से आदिवासी इलाके की महिलाओं को राखी बनाना सिखाया जा रहा है. जिसमें इन राखियों का निर्माण जैविक सामग्रियों का उपयोग करते हुए 20 से 25 प्रकार की राखी बनाने की कला सिखाई जा रही है. इन जैविक सामग्रियों में चावल, मौली धागा, सूती धागा, रेशम धागा, मोती, बुरादा, हल्दी, आलता, आदि का उपयोग कर कारीगरी करना सिखाया जा रहा है. जिससे तरह तरह की सुंदर राखियां तैयार की जा रही है. बताया जा रहा है कि निर्मित इन राखियों की ब्रांडिंग और मार्केटिंग पलाश ब्रांड के तहत की जाएगी. 


सैंकड़ों की संख्या में जुड़ी महिलाएं
फिलहाल राज्य के 8 जिलों में जिसमें रांची, हजारीबाग, दुमका, गिरिडीह, रामगढ, बोकारो, धनबाद और लोहरदगा के शामिल हैं. यहां पर लगभग 75 स्वयं सहायता समूहों की 550 से अधिक माहिलाएं राखी निर्माण व बिक्री के कार्य से सीधे तौर पर जुड़कर अपनी उद्यमिता के अवसरों को बढ़ा रही हैं. इस तरह के काम से यहां कि महिलाओं को रोजगार का साधन मिल रहा है और आगे के लिए भी कई रास्ते खुलते नजर आ रहे हैं.


ये भी पढ़िये: Happy Friendship Day: बदलते जमाने के साथ बदले दोस्ती के मायने! क्योंकि अब लड़का-लड़की भी हो सकते हैं दोस्त