Friendship Day: कहा जाता है कि एक लड़का और लड़की कभी दोस्त नहीं हो सकते. क्या वाकई इस बात में कोई सच्चाई है. हालांकि बदलते वक्त के साथ दोस्ती के मायने भी बदल गए है. क्योंकि अब लड़का-लड़की भी दोस्त हो सकते हैं..
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पटनाः Happy Friendship Day: आज फ्रेंडशिप डे के दिन दुनियाभर में लोग दोस्ती का जश्न मना रहे हैं. दोस्ती एक ऐसा रिश्ता है, जो हम खुद अपनी मर्जी से चुनते है. कुछ दोस्त जिंदगी में बहुत ही खास होते हैं और उनके साथ जब दोस्ती शुरू होती है तो वह जिंदगी खत्म होने के साथ ही खत्म होती है. लेकिन बात जब एक लड़का और एक लड़की की दोस्ती की आती है तो हर किसी की जुबां पर सबसे पहले आता है. 'एक लड़का-लड़की कभी दोस्त नहीं हो सकते है...' जिसके जवाब में हमेशा हर लड़की यही कहती है कि 'हम सिर्फ बहुत अच्छे दोस्त हैं...'
हालांकि इस बदलते जमाने के साथ एक लड़का-लड़की दोस्त हो सकते हैं. ऐसा इसलिए भी संभव हो सका है क्योंकि आज के जमाने में इन सब विषयों पर खुलकर बात होने लगी है. बॉलीवुड से लेकर हॉलीवुड तक ऐसी कई फिल्में बन चुकी है जो एक लड़का और एक लड़की की दोस्ती की मिसाल कायम करती है. खासतौर पर अगर बात लड़कियों की करें तो कई बार लड़कियों का सबसे अच्छा बॉन्ड लड़को के साथ ही होता है. जितना अच्छा दोस्त एक लड़का-लड़की का बन सकता है, उतनी अच्छी दोस्ती कभी दो लड़कियों में नहीं हो सकती है. दोस्त बनाने के लिए जेंडर की नहीं सोच मिलने की जरूरत होती है. इसलिए एक लड़का और लड़की दोस्त नहीं हो सकते हैं. ऐसा सोचना और ऐसा कहना गलत है.
दोस्ती में सबसे महत्वपूर्ण है विश्वसनीयता
किसी से भी दोस्ती करने से पहले उस पर विश्वास करना जरूरी होता है. लड़कियां किसी महिला मित्र की बजाय पुरुष मित्र पर अधिक विश्वास करती हैं. इसके पीछे एक वजह यह भी है कि लड़कियां अन्य लड़कियों पर ज्यादा विश्वास नहीं कर पाती हैं. कई बार दोनों लड़कियों का जेंडर एक होने के वजह से जलन की भावना उत्पन्न हो जाती है. हालांकि लड़के और लड़की की दोस्ती में जलन का कोई सवाल नहीं होता है. ऐसे में नकारात्मक भाव पैदा न होने के वजह से दोनों के बीच विश्वसनीयता बनी रहती है.
अधिक आकर्षण होना
रिश्ता चाहे कोई भी हो उसकी शुरुआत आकर्षण से ही होती है. आकर्षण सिर्फ प्रेम में नहीं होता, इंसान जिन रिश्तों को खुद से चुनता है, उन सभी रिश्तों में आकर्षण होता है. हमें कभी किसी की आदतें अच्छी लग जाती हैं तो कभी किसी का अंदाज और कई बार उनकी प्यारी मुस्कान रिश्तें की शुरुआत करवा देती है. वहीं जब एक लड़का-लड़की एक-दूसरे के आकर्षण में बंध कर दोस्ती करते हैं तो लोग उसे प्यार समझने की गलती कर बैठते हैं. हालांकि विपरीत लिंग के लोग तो समान लिंग के लोगों की अपेक्षा वैसे भी अधिक आकर्षित होते हैं.
दोस्ती के लिए सोच मिलना जरूरी
अगर बात दोस्ती की करें तो उसके लिए सोच मिलना बेहद जरूरी होता है जेंडर मिलना नहीं. लड़का-लड़की के बीच दोस्ती संभव है. हमेशा दोस्ती की शुरुआत अक्सर कॉमन इंट्रेस्ट से होती है. हालांकि मेल बेस्ट फ्रेंड्स फीमेल फ्रेंड्स को लेकर ज्यादा ही प्रोटेक्टिव होते हैं. इसलिए भी कई बार लोग इनकी दोस्ती को गलत समझ लेते है.
अक्सर पूछा जाता है यहीं सवाल
जब लड़का-लड़की बेस्ट फ्रेंड्स होते है तो अक्सर लड़कियों से यह पूछा जाता है, कि 'पक्का ना... तुम दोनों के बीच कुछ नहीं चल रहा'. भले ही आप दोनों के बीच केवल अच्छी दोस्ती हो, लेकिन जब आपका बेस्टफ्रेंड आपके लुक्स-ड्रेस या आपसे जुड़ी किसी चीज की तारीफ करता है, तो ज्यादातर लोगों को यही लगता है कि आप दोनों के बीच दोस्ती से कुछ ज्यादा है.
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