Ranchi: झारखंड के रांची में नामकुम स्थित एनएचएम में लगभग चार से पांच सालों से मेडिकल मोबाइल वैन खराब पड़ी है. यहां पर खड़ी वैन कबाड़ में बदल चुकी है. इन मेडिकल वैन की कीमत करोड़ो में बताई जा रही है. इसके अलावा इसमें से कई ऐसी गाड़ियां भी जिनका अभी तक कोई इस्तेमाल नहीं हुआ है. 


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करोंड़ो की मेडिकल वैन बनी कबाड़
स्वास्थ्य विभाग के द्वारा अक्सर संसाधनों की कमी की बात कही जाती है. हालांकि स्वास्थ्य विभाग को मुहैया कराए गए संसाधनों को वह सहज कर नहीं रख पाते हैं. जिसके कारण अक्सर संसाधन कबाड़ में बदल जाते हैं. रांची के नामकुम स्थित एन एच एम में करोंड़ो की मेडिकल वैन कबाड़ बन चुकी है. जिनका इस्तेमाल गांव-गांव जाकर अलग अलग बीमारियों में मौके पर पहुंचकर किया जा सकता है. लेकिन वह अब बर्बाद हो चुकी है. 


झारखंड में स्वास्थ्य विभाग संसाधनों का सदुपयोग नहीं कर रहा है. एन एच एम में सालों से खड़ी करोड़ों की दर्जनों गाड़ियां कबाड़ में बदल गई है. लेकिन अभी तक इन गाड़ियों का इलाज के लिए कोई भी इस्तेमाल नहीं हुआ है.  


इलाज के लिए हो सकता है इस्तेमाल
वहीं, अगर इन गाड़ियों का इस्तेमाल किया जाता तो गांव-गांव में कई तरह के इलाज की सुविधा मिल पाती. चाहे वह गांव-गांव में जाकर मोबाइल टेस्ट यूनिट से सुविधा देना हो, या फिर टीबी उपचार करना हो, गुर्दा इलाज की सुविधा देना हो, जिससे गांव-गांव पहुंच कर इलाज की सुविधा दी जा सकती थी. 


वैन को करवाया जाएगा ठीक
इस मामले में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि उन वाहनों पर भी पूरा ध्यान दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि उन वाहनों का ठीक ढंग से इस्तेमाल किया जाएगा. वाहनों को पूरी तरह से ठीक करके उन्हें वापस से इस्तेमाल लाया जाएगा.


एन एच एम में दर्जनों ऐसी मोबाइल मेडिकल वैन हैं. जिसका इस्तेमाल किया जा सकता था. जिसमें से कुछ ऐसी वैन हैं जिनका इस्तेमाल ही नहीं किया गया है. सरकारी संसाधन लापरवाही के कारण किस तरह कबाड़ में तब्दील हो जाती है. इसका एक उदाहरण स्वास्थ्य विभाग में खड़ी मोबाइल मेडिकल वैन है. 


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