रांची: विधानसभा का मॉनसून सत्र 29 जुलाई से 4 अगस्त तक आयोजित किए जाने का प्रस्ताव है. मानसून सत्र पांच दिनों का होगा. 29 जुलाई को राज्यपाल के अभिभाषण से सत्र की शुरुआत होगी. सरकार की तरफ से मानसून सत्र को लेकर राज्यपाल रमेश बैस के पास प्रस्ताव भेजा गया है. राज्य के संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा है कि मानसून सत्र के दौरान विपक्षी दलों के विधायकों से सत्र को सुचारी ढंग से चलाने में सहयोग करें.


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सीपी सिंह ने कही बड़ी बात
बीजेपी नेता सीपी सिंह ने कहा कि सरकार चार-पांच दिन का मानसून सत्र रखी है. चार-पांच दिन में होता क्या है. 82 विधायक हैं. 82 विधायक का एक-एक प्रश्न भी नहीं हो पाएगा. कोई सरकार हो, विपक्ष में होता है कहता है कि सत्र छोटा है. जब वह सत्ता में आ जाता है वहीं सत्तारूढ़ दल फिर विधानसभा की अवधि थोड़ा छोटा कर देता है. मेरी शुरू से धारणा और इच्छा भी है झारखंड जैसे विधानसभा का सत्र कम से कम साल में 60 दिनों का होना चाहिए यानी 2 महीने का होना चाहिए.


नहीं हो पाएं विधायकों के सवाल
एक साल में भी यदि 2 महीना भी विधानसभा अंदर विधायक समय ना दे जन आकांक्षाओं के अनुरूप बातों को मुखर ढंग से ना रख पाए सरकार को कटघरे में ना कर पाए तो ऐसी स्थिति में 2 दिन 4 दिन 5 दिन का विधानसभा सत्र कोई महत्व नहीं है और ऐसे आम जनता को कोई फायदा नहीं अरे ऐसे में सत्तारूढ़ दल का बिजनेस हो जाएगा लेकिन जो आम जनता को हितों की बात होती है वह विधानसभा के अंदर नदारद रहती है और मैं चाहूंगा कि राज सरकार से सत्र चला ही रहे तो बड़ा चलाइए. 10 दिन 15 दिन का चलाइए यह चार 5 दिन का सत्र चलाने का क्या मतलब है.


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