झारखंड में लोगों को मिली स्थानीयता की स्थायी परिभाषा, कैबिनेट ने पास किया ओबीसी आरक्षण
जेएमएम विधायक स्टीफन मरांडी ने कहा कि झारखंड बनने के बाद यह एक ऐतिहासिक दिन है जेएमएम का जो 1932 का स्टैंड था वह आज जाकर पूरा हुआ है. बीजेपी समझती थी कि यह सिर्फ राजनीतिक मुद्दा है
रांचीः झरखण्ड सरकार द्वारा स्थानीयता की परिभाषा 1932 की खतियान आधारित स्थानीय नीति और ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण को कैबिनेट से पास कर देने के बाद उपराजधनी में सत्ता पक्ष के वरिष्ठ नेता स्टीफन मरांडी ने खुशी जाहिर की. उन्होंने कहा कि अब झरखण्ड में बीजेपी के साथ जो राजनीतिक पार्टी है, उनकी राजनीति खत्म हो जायेगा. जेएमएम विधायक स्टीफन मरांडी ने कहा कि झारखंड बनने के बाद यह एक ऐतिहासिक दिन है जेएमएम का जो 1932 का स्टैंड था वह आज जाकर पूरा हुआ है. बीजेपी समझती थी कि यह सिर्फ राजनीतिक मुद्दा है, लेकिन जेएमएम जिसके मेनिफेस्टो में भी यह शामिल था आज वह पूरा होकर ऐतिहासिक फैसला हुआ है. विपक्ष का काम ही विरोध करना है, वह करें जेएमएम को बहुत फायदा हुआ है. हमलोगों ने सब को मिलाने का काम किया है, बीजेपी और जो भी राजनीतिक दल इसमें राजनीति कर रहे थे अब, सबकी राजनीति खत्म हो गई है.
विपक्ष ने सरकार पर साधा निशाना
वहीं विपक्ष भी सरकार पर निशाना साधने से नहीं चूक रही है. बीजेपी नेत्री लुईस मरांडी (पूर्व समाज कल्याण मंत्री) ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा था. पिछले बार की 1932 का खतियान लागू करना संभव नहीं है, लेकिन आज जो फैसला आया है ऐसा लग रहा है कि झूठ और दिग्भ्रमित कर देने की जो सबसे बड़ा डिग्री होती है, उसमें सीएम ने पीएचडी ले रखी है. लोग इस झांसे में आने वाले नहीं है, क्योंकि लोगों को समझ है कि किस तरह से दिग्भ्रमित कर इस मुद्दे से भटकाया गया है. आने वाले समय में इसका पर्दाफाश होगा.
बरहाल मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के कर्म क्षेत्र दुमका के लोगों में खुशी है. लोग खुशी मना रहे हैं. मुख्यमंत्री के इस मास्टर स्ट्रोक को लेकर जो फैसला आया है उसके कई राजनीतिक मायने हैं. अब देखने वाली बात यह होगी कि आने वाले समय में बीजेपी इसकी काट कैसे निकाल पाती है.