रांची : झारखंड के रांची में एक रिक्शा चालक ऐसा भी है जो एक कुत्ते के पालन पोषण के लिए ओवर टाइम करता है. रिक्शा चालक अपने परिवार के साथ कुत्ते के स्वास्थ्य का भी पूरा ध्यान रखता है. रिक्शा चालक दिन की ड्यूटी परिवार के नाम और ओवर टाइम की ड्यूटी पालतू कुत्ते को समर्पित कर देता है.


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रिक्शा चालक संदीप और पालतू कुत्ता जिमी की कहानी
राजधानी रांची के विभिन्न इलाकों में अपने मालिक के रिक्शे पर सवारी करता ये पालतू कुत्ता जिमी है. जिसे हर रोज संदीप 2 घंटे तक शहर का भ्रमण कराता है. अमूमन हमने देखा होगा कि बड़ी-बड़ी गाड़ियों में लोग अपने कुत्ते को घुमाते हैं लेकिन यह तस्वीर थोड़ी अलग और भावनात्मक है. रिक्शा चालक संदीप अपने परिवार के साथ रांची में रहता है. संदीप के परिवार का मासिक खर्च तकरीबन 10 हजार है. रिक्शा चलाकर अपने परिवार का पेट पालने के अलावा जिमी के लिए भी ओवरटाइम करता है. ताकि परिवार के साथ-साथ इस पालतू कुत्ते को भी किसी तरीके से कोई परेशानी ना हो.


एक इंसान का जानवर के प्रति प्रेम
बता दें कि पालतू कुत्ते का नाम जिमी है और जिसकी प्रजाति बॉक्सर है. इसकी उम्र छह महीना है. रिक्शा चालक संदीप इस छह महीने के कुत्ते के लिए रोजाना रिक्शा चलाता है और इसके खर्च के लिए रुपया एकत्रित करता है. दरअसल हम सारी जानकारी इसीलिए साझा कर रहे हैं क्योंकि राजधानी रांची में एक रिक्शा चालक का अपने पालतू कुत्ते से इतना प्यार है कि वह उसे अपने परिवार से भी ज्यादा चाहता है और इस बात की तस्दीक उसकी मेहनत की तस्वीर करती है कि किस तरीके से वह अपने परिवार के लिए दिनभर रिक्शा चलाता है. साथ ही अपने पालतू जिमी के लिए ओवरटाइम करता है. एक इंसान के लिए जानवर के प्रति इतना प्रेम बहुत अच्छा है. जानवरों के प्रति इस तरह का प्रेम अन्य लोगों को भी रखना चाहिए.


जिमी जानवर नहीं परिवार का है सदस्य
रिक्शा चालक संदीप ने बताया कि मैं एक साधारण सा व्यक्ति हूं, लेकिन मैं दिल से बहुत अमीर हूं. मेरे परिवार की जिम्मेदारी के अलावा एक कुत्ते की भी जिम्मेदारी है. मेरे इस कुत्ते का नाम जिमी है और जिमि कोई मामूली ब्रीड का नहीं है, बल्कि बॉक्सर ब्रीड का एक महंगा कुत्ता है. जिसे पालना हर किसी के बस की बात नहीं है, क्योंकि इसमें महीने का तकरीबन 10 हजार से ज्यादा खर्च होता है. बावजूद इसके अपने शौक और पालतू कुत्ते से प्रेम का ही नतीजा है कि आज जिमी जानवर नहीं बल्कि परिवार का एक सदस्य बन चुका है. रोजाना सुबह 2 घंटे तक जिमी को अपने लक्ष्य में बैठा कर पूरे शहर का भ्रमण भी कराता हूं. संदीप ने बताया कि बड़े लोगों के पास बड़ी गाड़ियां होती है जिसमें वह अपने कुत्ते को शहर घुमाते हैं लेकिन उनके पास रिक्शा है और अपने पालतू कुत्ते की सुविधाओं से वह कभी भी समझौता नहीं करेगा. इसीलिए सीमित साधन में उसका ख्याल बेहतर तरीके से रखा जा रहा है.


इनपुट- कामरान जलीली


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