वायनाड से राहुल के चुनाव लड़ने पर रविशंकर प्रसाद बोले- अमेठी में हिल गई है गांधी परिवार की जड़
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वायनाड से राहुल के चुनाव लड़ने पर रविशंकर प्रसाद बोले- अमेठी में हिल गई है गांधी परिवार की जड़

राहुल गांधी के वायनाड से चुनाव लड़ने की घोषणा पर रविशंकर प्रसाद ने निशाना साधा है.

रविशंकर प्रसाद ने राहुल गांधी पर निशाना साधा है. (फाइल फोटो)

पटनाः कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी यूपी के अमेठी सीट के अलावा केरल के वायनाड सीट से भी लोकसभा चुनाव लड़ेंगे. यानी की राहुल गांधी दो सीटों से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे. इसकी घोषणा कांग्रेस ने की है. इस घोषणा के बाद बीजेपी ने राहुल गांधी पर निशाना साधा है. बीजेपी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा राहुल गांधी की अमेठी में जड़ें हिल गई है. गांधी परिवार की जड़ अब अमेठी में हिल गई है.

केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि अमेठी से असहज, असुरक्षित और असहाय राहुल गांधी सुदुर दक्षिण भारत वायनाड चले गए हैं. उन्होंने कहा मेरी इसपर पहली टिप्पणी है डूबते जहाज को देखकर कप्तान भागा. उन्होंने कहा अमेठी सीट को छोड़ कर असहाय राहुल गांधी केरल के वायनाड चले गए हैं.

उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने काफी आलोचना की है और उन्होंने जो भ्रम और असत्य का जाल फैलाया था. उसकी सच्चाई अब सामने आई तो उनकी जड़ें हिलने लगी. इसलिए अमेठी में भी उनकी जड़े हिलने लगी है. उन्होंने आरोप लगाया कि गांधी परिवार विचार से नहीं बल्कि चुनावी हिंदू हैं. गांधी परिवार चुनाव में हिंदू हो जाते हैं.

रविशंकर प्रसाद ने कहा कि 2011 के जनगणना के मुताबिक वायनाड की जनसंख्या में 49 फीसदी हिंदू हैं जबकि बांकी अल्पसंख्यक हैं. इसलिए राहुल गांधी ने अपनी सुरक्षा और सीट बचाने के लिए अल्पसंख्यक बहुल लोकसभा सीट वायनाड को चुना है.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी देश में असहाय हो गई है. हर राज्य में उन्हें झटके पर झटके मिल रहे हैं. राहुल गांधी को केवल प्रियंका गांधी ही पीएम पद का उम्मीदवार मानती है. कांग्रेस में भी उन्हें पीएम पद का उम्मीदवार कोई नहीं मानता है.

बता दें कि अमेठी से भी राहुल गांधी चुनाव लड़ेंगे. जहां उनकी टक्कर बीजेपी उम्मीदवार स्मृति ईरानी से है. जिसके बाद कहा जा रहा है कि स्मृति ईरानी से राहुल गांधी डर गए हैं. हालांकि, 2014 में स्मृति ईरानी को अमेठी से ही हार का सामना करना पड़ा था. लेकिन उन्होंने इसके बाद पांच सालों में जोरदार तैयारी की है.