Kartik Purnima 2023: सनातन हिंदू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा को सबसे महत्वपूर्ण और पवित्र दिनों में से एक माना जाता है. इस दिन लोग गंगा नदी में पवित्र स्नान करते हैं. यह सनातन धर्म में एक पवित्र अनुष्ठान माना गया है. कार्तिक पूर्णिमा के शुभ अवसर पर बिहार के गंगा घाटों पर देररात से ही भक्तों का जनसैलाब देखने को मिला. सोमवार (27 नवंबर) की सुबह-सुबह लाखों भक्तों ने मां गंगा में श्रद्धा की डुबकी लगाई. इसके अलावा रविवार (26 नवंबर) की शाम को घाटों पर भव्य गंगा आरती का आयोजन किया गया. भारत-नेपाल सीमा पर स्थित वाल्मिकीनगर के बेलवा घाट पर भी भव्य गंगा आरती का आयोजन हुआ. 


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स्वरांजलि सेवा संस्थान के बैनर तले 123वीं नारायणी गंडकी महाआरती कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का शुभारंभ सशस्त्र सीमा बल 21वीं वाहिनी के कमांडेंट श्री प्रकाश के साथ अभिनव पाठक एसएसबी गंडक बैराज के इंस्पेक्टर पीके मंडल ने संयुक्त रुप से दीप प्रज्वलित करके किया. मुख्य अतिथि SSB कमांडेंट श्री प्रकाश ने कहा कि हमारी सभ्यता और संस्कृति नदियों के किनारे ही विकसित हुई है, लिहाजा हमें प्राकृतिक धरोहरों की रक्षा करने का संकल्प लेना चाहिए.


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कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर हाजीपुर में भूतों का अनोखा मेला लगता है. इस मौके पर यहां दुनियाभर के तांत्रिक आते हैं और कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर बुरी आत्माओं को शुद्ध करते हैं. यह क्रिया पूरी रात चलती है. आज भी लोग इसपर विश्वास करते हैं. लोगों के जीवन में जब कोई परेशानी और दिक्कत होती है तो वे कार्तिक पूर्णिमा के दिन कोनहारा घाट पर पहुंचकर पूजा-पाठ करते हैं. उनका मानना है कि इससे दिक्कत और परेशानी दूर हो जाती है.