ज्योतिष के अनुसार कुंडली के नौ ग्रहों में से कुछ ग्रह केवल मार्गी चलते हैं जैसे कि सूर्य और चंद्रमा, वहीं कुछ ग्रह केवल वक्री ही चाल चलते हैं. जैसे राहु और केतु. बाकि के 5 ग्रह मंगल, बुध, गुरु, शुक्र और शनि समय-समय पर मार्गी और वक्री होते रहते हैं.
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Shani Asta: ज्योतिष के अनुसार कुंडली के नौ ग्रहों में से कुछ ग्रह केवल मार्गी चलते हैं जैसे कि सूर्य और चंद्रमा, वहीं कुछ ग्रह केवल वक्री ही चाल चलते हैं. जैसे राहु और केतु. बाकि के 5 ग्रह मंगल, बुध, गुरु, शुक्र और शनि समय-समय पर मार्गी और वक्री होते रहते हैं. ऐसे में इन ग्रहों के राशि परिवर्तन या मार्ग परिवर्तन का हर ग्रह पर असर देखने को मिलता है. वैसे ज्योतिष के अनुसार बता दें कि शनि सबसे धीमी गति से चलने वाला ग्रह है. इसको इस बार पृथ्वी को पूरा चक्कर लगाने में 19 साल का समय लगता है. जबकि एक राशि से दूसरी राशि में जाने में शनि को ढाई वर्ष का समय लगता है.
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शनि देव अभी राशि परिवर्तन तो नहीं कर रहे हैं बल्कि वह अपनी मूल त्रिकोण की राशि कुंभ में विराजमान हैं. साल 2025 तक वह इसी राशि में रहेंगे. ऐसे में शनि 11 फरवरी को कुंभ राशि में ही अस्त हो जाएंगे. इसके बाद शनि का उदय 26 मार्च को होगा. यानी 38 दिनों तक शनि अस्त अवस्था में रहेंगे.
ऐसे में शनि के अस्त होने का कई राशि के जातकों पर अनुकूल तो कुछ पर प्रतिकूल असर देखने को मिलेगा. ऐसे में मिथुन राशि के जातकों के लिए बता दें कि इनके नवम भाव में शनि अस्त हो रहे हैं. ऐसे में उनपर शनि देश की कृपा रहेगी और भाग्य का साथ मिलेगा. आय के नए स्त्रोत बनेंगे. कार्यक्षेत्र में भी सफलता के योग बनेंगे, जीवनसाथी के साथ सहयोग अच्छा रहेगा.
वहीं कर्क राशि के जातकों के लिए बता दें कि इनकी कुंडली में शनि 8वें भाव में अस्त हो रहे हैं. ऐसे में इनका आने वाला समय शुभ होगा. नौकरी में परेशानियां दूर होंगी. नौकरी के लिए नए प्रस्ताव आएंगे. धन लाभ होगा. समाज में मान-सम्मान बढ़ेगा.
वहीं सिंह राशि के जातकों के सप्तम भाव में शनि अस्त हो रहे हैं. ऐसे में कामयाबी इनके साथ आएगी. करियर में कई सफलताएं देखने को मिलेंगी. लंबी यात्रा का भी योग बन रहा है. अच्छी नौकरी के प्रस्ताव आ सकते हैं.
ऐसे में अगर अस्त शनि आपको परेशान करे तो आपको दान करना चाहिए. दान आप अपने सामर्थ्य के अनुसार करें. गरीबों और जरूरतमंदों को खाना खिलाएं, वस्त्र दें, उनके जरूरत की सामग्री दान करें. इसके साथ ही शनिदेव के मंत्र का जाप भी करें. इस दौरान जब तक शनि अस्त हैं हर दिन शनि मंदिर जाकर शनि देव को तेल से अभिषेक करें और शनि चालीसा का पाठ करने के साथ दीपदान करें. इसके साथ ही प्रत्येक दिन हनुमान चालीसा का पाठ कर सकते हैं. इससे आपको कष्टों से राहत महसूस होगी.