बिहार: महागठबंधन के छोटे दलों से आरजेडी-कांग्रेस ने किया किनारा, नहीं दे रहे भाव!
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बिहार: महागठबंधन के छोटे दलों से आरजेडी-कांग्रेस ने किया किनारा, नहीं दे रहे भाव!

महागठबंधन में शामिल छोटे दलों से बड़े दलों आरजेडी और कांग्रेस ने लगता है, किनारा कर लिया है. छोटे दल भी अब नए 'चतुर खेवैया' की तलाश में हैं, जो उन्हें इस साल के अंत में होने वाले चुनाव में मझधार से किनारा लगा सके.

छोटे दलों को कांग्रेस और आरजेडी ने भाव देना बंद कर दिया है. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

पटना: बिहार में विपक्षी दलों के महागठबंधन में शामिल छोटे दलों से बड़े दलों आरजेडी और कांग्रेस ने लगता है, किनारा कर लिया है. छोटे दल भी अब नए 'चतुर खेवैया' की तलाश में हैं, जो उन्हें इस साल के अंत में होने वाले चुनाव में मझधार से किनारा लगा सके.

छोटे दलों को कांग्रेस और राजद ने भी भाव देना बंद कर दिया है. अब इन छोटे दलों की उम्मीद चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर और वरिष्ठ समाजवादी नेता शरद यादव से है. यही कारण है कि महागठबंधन में शामिल छोटे दल राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा), विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के शीर्ष नेता दिल्ली में जाकर प्रशांत किशोर और शरद यादव से मुलाकात कर चुके है.

वैसे, सूत्रों का कहना है कि प्रशांत किशोर ने तीनों नेताओं के साथ जाने इनकार कर दिया है. इस मुद्दे पर हालांकि इन तीनों दलों के नेताओं ने खुलकर तो बात नहीं की, लेकिन कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि महागठबंधन में कोई निर्णय के बाद ही किसी को आगे बढ़ना चाहिए. यह कोई तरीका नहीं है.

इधर, कांग्रेस के प्रवक्ता राजेश राठौड़ इस संबंध में कुछ खास तो नहीं कहते, लेकिन इतना जरूर कहते हैं, "सभी महागठबंधन के दल हैं, मगर उनकी नीतियां अलग हैं." प्रशांत किशोर से मिलने के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेता आखिर उनसे क्यों मिलेंगे, जिसे मिलना है मिलें.

उल्लेखनीय है कि सीएए, एनआरसी के विरोध में भीम आर्मी के रविवार को 'भारत बंद' का बिहार में रालोसपा, जन अधिकार पार्टी, हम और रालोसपा ने समर्थन किया था, जबकि राजद के नेता तेजस्वी यादव अपनी बेरोजगारी हटाओ यात्रा निकाल रहे थे. इस मौके पर आयोजित सभा में महागठंबधन का कोई भी नेता नहीं पहुंचा था.

सूत्रों का कहना है कि हम प्रमुख जीतनराम मांझी, रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा और वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी का प्रयास महागठबंधन में किसी तरह सम्मानजनक स्थिति प्राप्त करना है. ये राजद और कांग्रेस पर दबाव डालकर ज्यादा से ज्यादा सीटें पाने की जुगत में हैं. तीनों नेता इसके लिए दिल्ली में रास्ता तलाश रहे हैं.

इस बीच मुकेश सहनी ने दावा किया कि गठबंधन में सब ठीक है. उन्होंने कहा, "बड़े नेताओं से बात हो रही है. समाधान निकल आएगा. हमलोगों ने अपनी बात और गठबंधन की समस्याओं से सबको अवगत करा दिया है. सबको मिलकर चलना है."

सहनी ने महागठंबधन में कुछ नए दलों को जोड़े जाने के भी संकेत दिए. सूत्रों का कहना है कि प्रशांत किशोर ने सभी विपक्षी दलों को एकसाथ चुनाव में उतरने का सुझाव दिया है. लेकिन यह तभी संभव है कि जब कांग्रेस और राजद भी इसके लिए सहमत हो जाए.

इस बीच, लोकसभा चुनाव के बाद बिहार की राजनीति से दूर हुए राजद नेता तेजस्वी यादव एकबार फिर राजनीति में सक्रिय दिख रहे हैं. उन्होंने 'बेरोजागारी हटाओ यात्रा' के जरिए चुनावी तैयारी का श्रीगणेश भी कर दिया है. इधर, राजद की तैयारी और महागठबंधन के किसी साझा कार्यक्रम की घोषणा न किए जाने से छोटे दलों में बेचैनी बढ़ी हुई है. हम के प्रवक्ता दानिश रिजवान कहते हैं कि महागठबंधन को और बड़ा करने की जरूरत है, जिसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं.