जेडीयू ने पहले बाज और कबूतर के तस्वीर की तस्वीर के साथ पोस्टर जारी किया तो आरजेडी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लापता का पोस्टर जारी किया.
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पटना: बिहार की राजनीति में पोस्टरवार इतना हावी है की 2019 का अंत और 2020 की शुरुआत पोस्टर वार से हुआ है. जेडीयू ने पहले बाज और कबूतर के तस्वीर की तस्वीर के साथ पोस्टर जारी किया तो आरजेडी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लापता का पोस्टर जारी किया. वहीं, 2020 के दूसरे दिन यानी कि दो जनवरी को एक पोस्टर जारी किया गया जिसमें 'हिसाब दो-हिसाब लो' का स्लगोन लिखा था.
इस पोस्टर को जेडीयू का समर्थन मिला वहीं, आज आरजेडी के द्वारा एक पोस्टर जारी किया गया है जिसमे 15 साल बनाम 15 साल के साथ गरीबो का राज बनाम अपराधियों का राज स्लोगन दिया है.
इस पोस्टरवार पर राजनीति भी शुरू हो गई है. जेडीयू के प्रवक्ता राजीव रंजन ने आरजेडी पर निशाना साधते हुए कहा है कि पोस्टरवार में आरजेडी को शामिल नहीं होना चाहिए क्योंकि आरजेडी के लिए यह पोस्टरवार आत्मघाती साबित होगा. आरजेडी किस बात को पोस्टर में दर्शा रहा है जब भी बिहार में कानून व्यवस्था की बात होगी आरजेडी को मात खानी होगी क्योंकि 15 साल के पूरे शासन में बिहार के लोग नरसंहार और अपराध को याद करते हैं.
साथ ही उन्होंने कहा कि जातीय हिंसा, अपहरण, फिरौती, हत्या सुर्खियों में थी लेकिन आज बिहार में विकास हो रहा है. शराबबंदी की गई, घर-घर में बिजली है और जेडीयू का मुकाबला आरजेडी कभी नहीं कर सकता. ऐसे करने से आरजेडी की बची हुई साख भी अब खत्म हो जाएगी.
आरजेडी साफ तौर पर यह कह रही है की पोस्टरवार पहले जेडीयू ने शुरू किया था. उसके बाद आरजेडी ने पोस्टरवार जारी किया है. जेडीयू ने आरजेडी के शासनकाल को भ्रष्टाचार और अपराध से भरपूर बताया था लेकिन यह बिल्कुल उल्टा है और जेडीयू के शासन में मिनट 2 मिनट बिहार में अपराध हो रहा है. अपराधियों की सरकार अब बिहार में है. लालू यादव और राबड़ी देवी की सरकार गरीबों की सरकार थी. आरजेडी का पोस्टर कोई आत्मघाती नहीं है, जेडीयू अपना सोचे. किसके बैसाखी पर चल रही है आरजेडी की चिंता ना करें अपनी चिंता करें.
वहीं, बीजेपी ने इस पोस्टरवार पर जेडीयू का साथ दिया है. पार्टी के एमएलसी सच्चिनदानंद राय ने कहा है कि लालू-राबड़ी के शासन में गरीब शिक्षकों के बच्चों को अपहरण करके लाखों रुपए फिरौती में लिए जाते थे. 15 साल के लालू राबड़ी के सरकार में जो भी बिहारी बिहार के बाहर थे, छठ मनाने के लिए अपने घर बिहार में आने से डरते थे.
अपहरण राज और जंगलराज को कोई गरीबों का राज कहे तो ऐसे सोच पर अब शर्म आ रही है. बिहारी लालू-राबड़ी के 15 साल शासन को भुलाने की कोशिश कर रहे हैं. आरजेडी के लोगों से प्रार्थना है कि वह काले समय को याद कराने की कोशिश ना करें.
आपको बता दें कि बिहार में इस साल चुनावी साल है और विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. जिस तरह से लगातार पोस्टरवार हो रहा है उसको देखकर यही लगता है कि राजनीतिक पार्टियां अब एक दूसरे को जनता के बीच नीचे दिखाने के लिए पोस्टरवार जारी रखेगी.