साकेत कोर्ट ने गुरुवार को मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर समेत 6 आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए हैं.
Trending Photos
नई दिल्लीः मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर की मुश्किलें बढ़ गई है. दिल्ली की साकेत कोर्ट ने गुरुवार को मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर समेत 6 आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए हैं. कोर्ट ने पक्सो, बलात्कार और अन्य धाराओं में आरोप तय किए है. इसके अलावा पांच अन्य आरोपी किरण कुमारी, विजय तिवारी, रामाशंकर सिंह उर्फ मास्टर जी, रामानुज ठाकुर उर्फ मामू और विक्की के खिलाफ भी कोर्ट ने गुरुवार को आरोप तय किए. गुरुवार को भी आरोपी रामानुज ठाकुर और डॉ अश्विनी की ओर से वकील प्रकाश कश्यप कोर्ट में पेश हुए.अब तक 13 आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए जा चुके हैं.मामले की अगली सुनवाई 11 मार्च को दोपहर 2 बजे होगी.
दरअसल, साकेत कोर्ट ने बुधवार दो आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए थे. कोर्ट ने चाइल्ड वेलफेयर कमिटी के चेयरमैन दिलीप कुमार वर्मा और सदस्य विकास कुमार के खिलाफ पक्सो एक्ट, अपराधिक षड्यंत्र रचने और अन्य धाराओं में आरोप तय किए थे. मंगलवार को कोर्ट ने मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर की राजदार शाइस्ता परवीन उर्फ मधु के खिलाफ आरोप तय किए थे.आरोपियों के वकील ने सीबीआई से पीड़िताओं के नाम देने की मांग की है.
इधर, सुनवाई के दौरान मधु के खिलाफ आरोप तय करने से पहले सीबीआई ने पीड़िता नंबर-13 ने बयान का हवाला दिया था.सीबीआई ने कहा था कि पीड़िता ने मधु के खिलाफ दिए बयान में कहा था कि इस पूरे घटना की जानकारी उसने मेडम यानि मधु को दी थी,जब उसने मेडम को बताया था कि मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में गलत काम होता है, तब मधु ने कहा था कि कोई गलत काम नहीं होता है बल्कि तुम नाचना वैगरह भी सीख लो.
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने सात फरवरी को मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले की सुनवाई दिल्ली की साकेतकोर्ट के विशेष पॉक्सो अदालत में ट्रांसफर करने का आदेश दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने साकेत कोर्ट से 6 महीने में ट्रायल पूरा करने का निर्देश दिया था. पिछले जुलाई महीने में बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में सरकारी सहायता प्राप्त एक शेल्टर होम में 16 बच्चियों के साथ दुष्कर्म के मामले ने सूबे सहित पूरे देश को हिलाकर रख दिया था. पीड़ित बच्चियों ने अपने एक साथी की हत्या कर शव को परिसर में दफनाने का आरोप भी लगाया था. इसी साल मई में टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज के सोशल ऑडिट के दौरान मामले का खुलासा हुआ था.
इसके बाद पुलिस की जांच में यह सामने आया था कि शेल्टर होम से छह लड़कियां गायब हुई हैं.पुलिस पूछताछ में पीड़िताओं ने यह जानकारी दी. बताया जा रहा है कि वर्ष 2013 से 2018 के बीच ये लड़कियां गायब हुई हैं. इसके बाद राज्य के समाज कल्याण विभाग ने पिछले महीने प्राथमिकी दर्ज की। मामले में दस लोगों की गिरफ्तारी हुई.सोशल ऑडिट में यह सामने आया था कि वर्ष 2013 से 2018 के बीच शेल्टर होम से 6 लड़कियां गायब हुई हैं.हालांकि, इन लड़कियों के गायब होने का कोई पुलिस रेकॉर्ड नहीं है.