समस्तीपुर: शिक्षक के पढ़ाने का अंदाज अनोखा हो तो बच्चों को भी पढ़ने में मजा आता है और उसे आसानी से समझ लेते है. ऐसे ही एक शिक्षक बिहार के समस्तीपुर जिले के प्राथमिक कन्या विद्यालय मालदह के बैद्यनाथ रजक (Teacher Baidyanath Rajak In Samastipur) है. जो अपनी अनोखे शिक्षण शैली को लेकर बराबर सुर्खियों में बने रहते हैं. इस बार भी वे अनोखे अंदाज में कक्षा में कवि सम्मेलन करते नजर आ रहे हैं. सुनने में अटपटा लगता होगा कि कक्षा में कवि सम्मेलन? जी हाँ, गुरुजी खुद कवि बनकर बड़े ही रोचक अंदाज में बच्चों को बिहार के दर्शनीय स्थलों की जानकारी दे रहे हैं.


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श्यामपट्ट पर गोलघर और दशरथ मांझी मार्ग भी बना हुआ है. अपनी कविता में वो गोलघर, तारामंडल, बिहार म्यूजियम, बेनुवन, शांति स्तूप, नालंदा, भितिहरवा और पुनौरा धाम की भी चर्चा करते नजर आ रहे हैं. वहीं बच्चे ताली बजाकर गुरुजी का उत्साह बढ़ा रहे हैं.


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उत्क्रमित मध्य विद्यालय परतापुर हसनपुर के प्रभारी प्रधानाध्यापक अबधेश कुमार कहते हैं कि बैद्यनाथ रजक अन्य शिक्षकों के लिए भी एक आदर्श शिक्षक हैं. उनकी प्रत्येक गतिविधियां अनुकरण करने योग्य है. वे बच्चों के मन को पढ़ने में दक्ष हैं. बैधनाथ जी बाल केन्द्रित शिक्षा को धरातल पर उतार रहे हैं. जिसके कारण सरकार, समाज और बच्चों के बीच चहेते बने हुए हैं.


बताते चले कि गुरु बैद्यनाथ रजक साल 2006 से ही इस विद्यालय में कार्यरत हैं. इसके पहले भी उन्होंने लू एवं अन्य आपदा से बचाव, चमकी को धमकी, खेल-खेल में हिंदी से अंग्रेजी सिखाने और गर्मी की छुट्टी में किताबों से दिल लगाने जैसी शैक्षिक गतिविधियों को लेकर काफी सुर्खियां बटोर चुके है. जिनके कारण इन्हें बिहार सरकार के द्वारा पिछले साल राजकीय शिक्षक पुरस्कार भी प्रदान किया जा चुका है. अब इस वीडियो के वायरल होने के बाद एक बार फिर सुर्खियों में हैं.
इनपुट- संजीव नैपुरी