रांची: झारखंड के शहरी श्रमिकों को हेमंत सरकार 100 दिन रोजगार की गारंटी का लाभ देने की योजना बना चुकी है. सरकार ने फैसला किया है कि 15 दिन में काम नहीं मिला तो बेरोजगारी भत्ता मिलेगा. प्रोजेक्ट भवन में सीएम हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री श्रमिक योजना का शुभारंभ कर रहे हैं.


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शहरी क्षेत्र के अकुशल श्रमिक के लिए योजना की शुरुआत की गई है. ग्रामीण क्षेत्र में तो राजगार गारंटी की योजना थी, लेकिन कोरोना काल मे वापस लौटे प्रवासी मजदूर जो शहरी क्षेत्र में रहते हैं, इस योजना के तहत राज्य सरकार 100 दिन के रोजगार की गारंटी देगी. 


सभी नगर निकाय को फंड भी मुहैया कराया जाएगा. सभी परिवार को रोजगार कार्ड भी मुहैया करवाया जाएगा.15 दिन में काम नहीं मिलता तो राज्य सरकार बेरोजगारी भत्ता मुहैया करवाएगी. इसके निबंधन की प्रकिया आसान है. परिवार का व्यस्क होना आवश्यक है, कोई भी नागरिक हो. 


प्रत्येक वर्ष राज्य सरकार इस योजना के लिए श्रम बजट बनाएगी. इसके संचालन के लिए पोर्टल भी बनाया गया है. पारदर्शिता के लिए शिकायत निवारण प्रणाली भी बनाई गई है. योजना के लिए प्राथमिकता तय की गई है. 


सीएम ने बताया शहरी क्षेत्र में काम के अभाव को देखते हुए मुख्यमंत्री श्रमिक योजना की शुरुआत की है. सांकेतिक तौर पर 5 लोगों को जॉब कार्ड दिया गया है. इस योजना से शहरी क्षेत्र में गरीबी रेखा के नीचे की 31% आबादी यानी लगभग 5 लाख लोगों को लाभ मिलेगा. 


सीएम ने बताया संक्रमण में रोजगार का अभाव स्पष्ट दिखाई दे रहा है, इसमें रोज कमाने खाने वाले दिहाड़ी मजदूर के लिए मरने के समान है. शुरुआती दौर में राज्य में कोई टेस्ट नहीं होता था. यहां कोई लेबोरेट्री नहीं थी. तेजी से कार्य योजना बनाकर हर दिन नई उपलब्धि के साथ आगे बढ़ने की बात सीएम ने कही.