मुख्यमंत्री ने भी अपने संबोधन में सदन को जानकारी देते हुए बताया कि संसदीय कार्यमंत्री ने लगातार कई प्रयास नेता प्रतिपक्ष को आमंत्रित करने को लेकर किया.
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चंदन, रांची: लगभग 465 करोड़ की लागत से बने झारखंड के नए विधानसभा भवन के उद्घाटन के अगले दिन ही नए विधानसभा में ही एक दिन के विशेष सत्र का आयोजन भी हुआ. सदन में जेएमएम को छोड़ सभी विधायक ऐतिहासिक क्षण का गवाह बने और सदन की कार्यवाही में हिस्सा लिया. विपक्ष की तरफ से जेवीएम विधायक ने सदन में नेता प्रतिपक्ष की गैरमौजुदगी का मामला उठाया और तो संसदीय कार्य मंत्री नीलकंठ मुंडा ने भी कहा, हर क्षेत्र में राजनीति नहीं होनी चाहिए.
वहीं, मुख्यमंत्री ने भी अपने संबोधन में सदन को जानकारी देते हुए बताया कि संसदीय कार्यमंत्री ने लगातार कई प्रयास नेता प्रतिपक्ष को आमंत्रित करने को लेकर किया. वो खुद जाकर उन्हें आमंत्रित भी करते पर बार-बार फोन करने के बाद भी नेता प्रतिपक्ष से न तो बात कराया गया न दी मुलाकात के समय की जानकारी दी गई. साथ ही ये भी बताया सरकार के स्तर से सभी पूर्व मंत्रियों को भी आमंत्रित किया गया था.
इशारों-इशारों में सीएम ने विपक्ष को नसीहत देते हुए कहा कि ये हमारी लोकतंत्र की ऐसी संस्था है जहां शिष्टता और मर्यादा के उच्च मापदंड अपनाना होता है. यहां एड व्यवहार के लिए कोई स्थान नहीं जो पवित्र सदन की गरिमा और प्रतिष्ठा पर आंच पहुंचता हो.
झारखंड गठन के बाद से ही लगभग 19 सालों तक सूबे में किराए के भवन में विधानसभा चलता रहा. बतौर मुख्यमंत्री रघुवर दास ने 2015 में नए विधानसभा भवन का शिलान्यास किया और 12 सितंबर को पीएम ने इसका उद्घाटन किया. 13 सितंबर को नए विधानसभा में विशेष सत्र का आयोजन हुआ. न तो उद्घाटन के मौके पर न ही विशेष सत्र में नेता प्रतिपक्ष हेमन्त सोरेन शामिल हुए न जेएमएम का कोई विधायक ही शामिल हुए. वहीं, नेता प्रतिपक्ष ने रघुवर सरकार पर जमकर निशाना साधा-साथ ही नए विधानसभा को लेकर सरकार पर आरोपों की झड़ी लगा दी.
झारखंड विधानसभा का पुराना भवन, जहां लगभग 19 सालों तक विधानसभा चलता रहा इतिहास बन जायेगा, तो नए विधानसभा के एक दिन का विशेष सत्र जिसे उद्घाटन सत्र भी कहा जाएगा, इतिहास में दर्ज हो जाएगा. साथ ही ये भी इतिहास के पन्नो में दर्ज हो जाएगा कि न तो उद्घाटन के मौके पर न ही उद्घाटन सत्र में जेएमएम के कोई विधायक शामिल हुए.