सुशील कुमार मोदी ने बुधवार को राज्यसभा उपचुनाव में बतौर एनडीए प्रत्याशी के तौर पर पटना के आयुक्त कार्यालय में अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया.
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पटना: बीजेपी के वरिष्ठ नेता और बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने बुधवार को राज्यसभा उपचुनाव में बतौर एनडीए प्रत्याशी के तौर पर पटना के आयुक्त कार्यालय में अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया. इस मौके पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar), बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल, दोनों डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद, रेणु देवी, मंगल पांडेय, पूर्व मंत्री श्रवण कुमार, एमएलसी देवेश चंद्र ठाकुर, हम के अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, वीआईपी पार्टी प्रमुखव मंत्री मुकेश सहनी समेत बड़ी संख्या में एनडीए के नेता मौजूद रहे.
इसके पहले बीजेपी के सभी मंत्री, विधायक व विधान पार्षद तथा अन्य नेतागण पूर्वाह्न 11.30 बजे बीजेपी प्रदेश कार्यालय में जमा हुए और वहीं से मोदी के नामांकन के लिए पटना के आयुक्त कार्यालय के लिए प्रस्थान किया. बता दें कि सुशील कुमार मोदी को बिहार से राज्यसभा की एक सीट के लिए हो रहे उपचुनाव के लिए बीजेपी की ओर से उम्मीदवार बनाया गया है, जिन्हें एनडीए के सभी घटक दलों का समर्थन प्राप्त है.
बिहार: राज्यसभा उपचुनाव के लिए सुशील मोदी ने किया नामांकन, सुशील मोदी के साथ CM नीतीश कुमार रहे मौजुद.@SushilModi @NitishKumar pic.twitter.com/EIVCRevb7i
— Zee Bihar Jharkhand (@ZeeBiharNews) December 2, 2020
इससे पहले, लोजपा के संस्थापक व पूर्व केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान के निधन से खाली हुई राज्यसभा सीट पर लोजपा ने अपना उम्मीदवार नहीं उतारने का ऐलान किया. हालांकि, राजग ने इसके लिए पहले ही सुशील मोदी का नाम तय कर दिया था. इस चुनाव को लेकर मुख्य विपक्षी पार्टी आरजेडी ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं.
आरजेडी ने हालांकि लोजपा को पासवान की पत्नी रीना पासवान को चुनाव में उतारने का आफर देते हुए कहा था कि अगर लोजपा रीना पासवान को चुनाव मैदान में उतारती है, तो आरजेडी समर्थन करेगा. हालांकि, लोजपा ने आरजेडी के इस ऑफर को नकार दिया है.
गौरतलब है कि इस रिक्त हुई सीट के लिए तीन दिसंबर तक नामांकन होगा. वहीं, 14 दिसंबर को चुनाव होगा. वहीं, सूत्रों के अनुसार, दिसंबर के अंत या जनवरी में मोदी सरकार का पहला कैबिनेट विस्तार हो सकता है. इसमें कई नए चेहरो की एंट्री हो सकती है, जबकि कईयों को बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है. माना जा रहा है कि इसी के तहत बीजेपी सुशील कुमार मोदी को राज्यसभा भेजकर केंद्रीय कैबिनेट में शामिल कर सकती है.