बिहार : सुशील मोदी ने बैंकों को दी नसीहत, कहा- किसानों को कर्ज देना ही होगा
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बिहार : सुशील मोदी ने बैंकों को दी नसीहत, कहा- किसानों को कर्ज देना ही होगा

सुशील मोदी के मुताबिक, बिहार में इस बार एक लाख 30 हजार करोड़ से ज्यादा का कर्ज बैंकों को बांटना है.

सुशील मोदी ने बैंकों को दी किसानों को कर्ज देने की नसीहत.

पटना : राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति यानी एसएलबीसी की एक अहम बैठक उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी की अध्यक्षता में हुई. इसमें कई तरह की राहत की घोषणाएं हुईं तो दूसरी तरफ सुशील मोदी ने बैंकों को नसीहत भी दे दी. आपको बता दें कि हर तीन महीने एक बार एसएलबीसी की बैठक होती है, जिसमें कर्ज सहित दूसरे मामलों की समीक्षा की जाती है.

बुधवार को एसएलबीसी की एक अहम बैठक राज्य के उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री सुशील मोदी की अध्यक्षता में हुई. इस बैठक में राज्य भर के तमाम सरकारी बैंकों के प्रतिनिधि शामिल हुए. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उन बैंकों को भी जोड़ा गया जहां की परफॉर्मेंस खराब दिखी.

सुशील मोदी ने साफ शब्दों में बैंकों से कहा है कि जो भी किसान कर्ज लेना चाहते हैं, उन्हें कर्ज देना ही होगा. इसे किसी तरह का बहाना नहीं चलेगा. सुशील मोदी के मुताबिक, बिहार के लोग बैंक का कर्ज चुकाने में अव्वल हैं. लिहाजा बैंक भी उदारता का परिचय दे. बैंकों के प्रतिनिधियों से बातचीत के दौरान सुशील मोदी ने उन बैंकों को नसीहत दी जो कर्ज देने में पीछे चल रहे हैं या फिर उनके यहां शिकायतों का निपटाना नहीं होता है.

सुशील मोदी के मुताबिक, बिहार में इस बार एक लाख 30 हजार करोड़ से ज्यादा का कर्ज बैंकों को बांटना है. पिछली बार के मुकाबले इस बार बैंक कर्ज देने के मामले में लक्ष्य से नौ फीसदी पीछे है. मछली पालन, पशुपालन के लिए चार फीसदी ब्याज दरों पर कर्ज मिलेगा. ये सुविधा उन्हीं लोगों के लिए संभव होगा जो समय से बैंकों को कर्ज अदा करेंगे.

साथ ही किसान क्रेडिट कार्ड की सीमा एक लाख से बढ़ाकर अब एक लाख 60 हजार कर दी गई है. इसमें किसी तरह का मॉर्गेज नहीं देना होगा. बिहार में एक लाख से ज्यादा टोलों और गांवों में बैंकिंग सुविधाओं का विस्तार होगा. जनधन योजना के तहत बिहार में दिसंबर 2018 तक चार करोड़ 12 लाख खाते खुले, जिसमें साढ़े आठ हजार करोड़ रुपए जमा हैं. प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तत 50 हजार तक का लोन 20 लाख 12 हजार लोगों का कर्ज बांटा गया. इन लोगों के बीच 6 हजार 490 करोड़ रुपये का लोन बांटे गए.

मुद्रा योजना के तहत ही पांच लाख तक का कर्ज पांच लाख लोगों के बीच बांटे गए. बैंकों ने 14 लाख किसानों का किसान क्रेडिट कार्ड रिन्यूवअल किया. बिहार में एक लाख से ज्यादा नए किसान क्रेडिट कार्ड बनाए गए हैं. प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट बनाई जाएगी ताकि विश्व बैंक की सहायता से डीबीटी योजना में सहलूयित आ सके.