महागठबंधन में एक चेहरे की उपेंद्र कुशवाहा की मांग पर बीजेपी ने भी चुटकियां ली है. बीजेपी का मानना है कि महागठबंधन में एक राय हो ही नहीं सकती. जहां बिना विचारों का गठबंधन होता है वहां भगदड़ होनी तय है.
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पटना: बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Vidhansabha election) से पहले महागठबंधन में सीएम पद के चेहरे को लेकर अब भी रस्साकशी जारी है. इस बीच महागठबंधन में तयशुदा चेहरे को लेकर उपेंद्र कुशवाहा की मांग पर सियासत तेज हो गई है. इस मामले पर आरजेडी के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि हमारे यहां कोई संदेह नहीं है. बिल्कुल साफ है, तेजस्वी यादव के नेतृत्व में चुनाव लड़ा जाएगा और वही मुख्यमंत्री भी बनेंगे.
उन्होंने कहा कि रही बात मांझी जी की तो उन्हें काफ़ी सम्मान दिया गया. कुछ लोग ज़रूर गए लेकिन नए लोग आ भी रहे हैं.
वही इस मामले पर जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि आरजेडी में भगदड़ मची है. RJD के एमएलसी और एमएलए पार्टी छोड़ रहे हैं. इसलिए तेजस्वी यादव की अगुवाई कोई स्वीकार नहीं कर सकता. जनता तेजस्वी यादव को करारी शिकस्त देने का मन बना चुकी है.
महागठबंधन में एक चेहरे की उपेंद्र कुशवाहा की मांग पर बीजेपी ने भी चुटकियां ली है. बीजेपी का मानना है कि महागठबंधन में एक राय हो ही नहीं सकती. जहां बिना विचारों का गठबंधन होता है वहां भगदड़ होनी तय है.
बीजेपी खेमे के एक नेता ने बताया कि मांझी जी समन्वय समिति और एक नेता की मांग करते-करते तेजस्वी यादव से दूर हो गए. महागठबंधन में तेजस्वी यादव से भी अनुभव प्राप्त और वरिष्ठ लोग हैं. आखिर कोई तेजस्वी यादव का नेतृत्व कैसे स्वीकार करेगा.