झारखंड में आरजेडी की बुनियाद मजबूत करने को लेकर बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव रांची पहुंचे.
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रांची: झारखंड में विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज हो गई है. हर पार्टी खुद को मजबूती देने में लगा है तो वहीं, झारखंड में आरजेडी की बुनियाद मजबूत करने को लेकर बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव रांची पहुंचे.
तेजस्वी यादव ने महागठबंधन की वकालत करते हुए कहा कि पिछले चुनाव में भी समीकरण खराब होने की वजह से बीजेपी जीती थी. लेकिन इस बार हमारी कोशिश रहेगी कि हम सब अपने ईगो को दरकिनार कर एकजुट होकर चुनाव लड़े. वहीं, महागठबंधन और टिकट बंटवारे पर उन्होंने साफ कहा कि वह पर्सनल लेवल से सभी नेताओं से बात करेंगे और मजबूत उम्मीदवार को ही टिकट दिलाने की कोशिश की जाएगी. वहीं इस दौरान उन्होंने कहा कि आरजेडी झारखंड में 10 से 12 सीटों पर चुनाव लड़ने में सक्षम है.
रांची पहुंचकर तेजस्वी यादव ने राज्य सरकार के साथ-साथ केंद्र सरकार पर भी जमकर निशाना साधा. तेजस्वी यादव ने कहा कि देश में तानाशाह का दौर चल रहा है और देश आर्थिक मंदी से जूझ रहा है. वहीं, प्रधानमंत्री पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि मोदी जी ने कमाल कर दिया है. जो मंदी 70 सालों में नहीं आई थी उसे प्रधानमंत्री मोदी ने 70 महीने में ला दिया है.
वहीं, झारखंड के सीएम पर भी निशानासाधते हुए तेजस्वी ने कहा कि रघुवर सरकार पूंजीपतियों की सरकार है. उन्होंने कहा कि बीजेपी की सरकार में मॉब लिंचिंग की घटनाएं बढ़ी है और क्राइम ग्राफ में इजाफा हुआ है क्योंकि सरकार के संरक्षण में गुंडाराज और माफिया राज चल रहा है. सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि बीते 4 सालों में मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कुछ नहीं किया इसीलिए वह बेकाबू हो गए हैं और आनन-फानन में उद्घाटन कर रहे हैं जिसका नतीजा हुआ बांध का बहना. इस भ्रस्टाचार पर तेजस्वी ने जांच कमेटी बनाने की मांग की है.
वहीं, डबल इंजन की सरकार पर तेजस्वी यादव का कहना है कि वाकई डबल इंजन की सरकार है एक इंजन अपराध में और दूसरा भ्रष्टाचार में लिप्त है. बिहार के गोपालगंज में हुई घटना पर तेजस्वी ने नीतीश कुमार को गिरते हुए कहा कि अभी नीतीश बीमार चल रहे हैं जल्द उनकी स्वास्थ्य की कामना करते हैं लेकिन जो घटना गोपालगंज में घटी वह हिंदुस्तान में पहले कभी नहीं हुआ और नीतीश कुमार इस पर खामोश हैं
बहरहाल झारखंड की राजधानी रांची पहुंचकर तेजस्वी यादव ने एक बार फिर महागठबंधन की वकालत की लेकिन देखना दिलचस्प होगा कि आगामी विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की नींव कितनी मजबूत हो पाती है.