बिहार में बढ़ते अपराध के ख्िालाफ सोमवार को बिहार इंडस्ट्रीज एशोसिएशन की ओर से पटना में कैंडिल मार्च निकाला गया. मार्च में व्यवसायी, उद्योग जगत से जुड़े लोग और समाजिक क्षेत्र में काम करने वाले लोग शामिल हुए.
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आशुतोष चंद्रा, पटना : आरजेडी नेता तेजस्वी यादव का दांव सोमवार को उल्टा पर गया. तेजस्वी यादव उद्यमियो की ओर से अपराध के खिलाफ निकाले गये कैंडल मार्च में शामिल होने पहुंचे थे, लेकिन महिला उद्यमियों ने तेजस्वी का विरोध कर दिया. उद्यमियो का आरोप था कि उन्होंने किसी राजनीतिक दल को मार्च में शामिल होने का निमंत्रण नहीं दिया था. हालांकि तेजस्वी यादव ने कहा कि वो राजनीति नहीं करने आये हैं. अगर एक हफ्ते के भीतर बड़े अपराधियों को गिरफ्तार नहीं किया गया तो आरजेडी आंदोलन करेगी.
व्यवसायी गुंजन खेमका हत्याकांड का मामला बिहार में मुद्दा बना हुआ है. सोमवार को बिहार इंडस्ट्रीज एशोसिएशन की ओर से पटना में कैंडिल मार्च निकाला गया. मार्च में व्यवसायी, उद्योग जगत से जुड़े लोग और समाजिक क्षेत्र में काम करने वाले लोग शामिल हुए, लेकिन मामले में नया मोड़ तब आ गया जब व्यवसाइयों के मार्च में शामिल होने तेजस्वी यादव पहुंच गए.
Patna: Rashtriya Janata Dal (RJD) leader Tejashwi Yadav leads a candle march against law and order situation in Bihar. pic.twitter.com/wTEl1RRuhz
— ANI (@ANI) December 24, 2018
दरअसल मीडिया को सूचना मिली की उद्योग जगत से जुड़े लोगों की ओर से बिहार में बढ़ते अपराध के खिलाफ शाम 5 बजे कैंडल मार्च का आयोजन किया जा रहा है. उस कैंडल मार्च में तेजस्वी यादव भी शामिल होंगे, लेकिन व्यवसाइयों ने कैंडल मार्च तेजस्वी यादव के पहुंचने से पहले ही शुरु कर दिया. तेजस्वी यादव कैंडल मार्च में रास्ते में शामिल हुए. कैंडल मार्च पटना के जेपी चौक से शुरु होकर डाकबंगला चौराहे तक चला. लेकिन तेजस्वी यादव को इस बात का जरा सा भी एहसास नहीं था कि व्यवसायी वर्ग उनके जबरन मार्च में शामिल होने का विरोध कर देगा.
कैंडल मार्च में शामिल हो रही उद्योग जगत की महिलाओं ने तेजस्वी यादव का विरोध कर दिया. महिलाओं का आरोप था कि तेजस्वी अपनी राजनीति चमकाने आए हैं. इस मार्च में उनकी कोई जरूरत नहीं थी. व्यवसाइयों पर लगातार हो रहे हमले पर उद्योग जगत को इंसाफ चाहिए राजनीति नहीं.
इधर तेजस्वी यादव ने कहा कि हम मामले पर राजनीति नहीं करना चाहते. तेजस्वी यादव ने कहा कि गुंजन खेमका की हत्या के बाद एक कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिक की हत्या कर दी गई. अपराधी बेलगाम हो चुके हैं. ऐसे में सरकार की चुप्पी बडे सवाल खड़े कर रही है. पूरा उद्योग जगत दहशत में है. अपराध पर उद्योग जगत की सहानुभूति हासिल करने की कोशिश तेजस्वी यादव को भारी पड़ गई.