जेडीयू एमएलसी ने तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) के वादे पर निशाना साधते हुए कहा '10 लाख नौकरी देने का वादा नही था बल्कि 10 लाख में एक नौकरी देने का मकसद था.
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पटना: बिहार विधानसभा चुनाव के पहले आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने सत्ता में आने पर पहली कैबिनेट में ही युवाओं को दस लाख सरकारी नौकरी देने का वादा किया था. हालांकि, महागठबंधन की सरकार बिहार में नहीं आई. अब इस पर जेडीयू एमएलसी गुलाम रसूल बलियावी ने बड़ा बयान दिया है. गुलाम रसूल बलियावी ने कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास सात निश्चय है. लेकिन विपक्ष के पास एक ही निश्चय है सत्ता में आना.
जेडीयू एमएलसी ने तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) के वादे पर निशाना साधते हुए कहा '10 लाख नौकरी देने का वादा नही था बल्कि 10 लाख में एक नौकरी देने का मकसद था. ये काम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार किसी भी हाल में नहीं कर सकते हैं. जो नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने कर दिया है उस लकीर को पार करने के लिए एक लंबे अध्याय और बड़ी तारीख की जरूरत पड़ेगी.'
अब बिहार में गुलाम रसूल बलियावी के बयान पर सियासत शुरू हो गई है. बिहार सरकार मंत्री जीवेश मिश्रा ने कहा, 'तेजस्वी यादव के पिता लालू यादव जी का जो पिछला रिकॉर्ड है, उसको लेकर बलियावी जी ने ऐसा बयान दिया होगा. अभी नेता विपक्ष की अपनी पार्टी RJD से उनका आचरण मेल खाता होगा, उस पर ज्यादा कुछ कहना नहीं है. उनकी पार्टी का चरित्र ही ऐसा है.'
इस बयान के बाद आरजेडी ने पलटवार किया है. शक्ति यादव ने कहा, 'हमारा वचन पत्र था बिहार में दस लाख लोगों को नौकरी देने की बाते कही गई थी. ये लोग जो बोल रहे है यह नौकरियों को बोली लगाते थे. चाहे वह कॉन्ट्रैक्ट पर हो या नियमित हो. पूरा बिहार जानता है कि बिहार में 50 प्रतिशत नौकरियां बोली लगने पर मिलती है. बलियावी उसी स्कूल के प्रोडक्ट हैं, उनको पता है कि कौन सी नौकरी कितने में मिलती है. उनको लगता था कि सत्ता निस्वार्थ नौकरी देने वाले का आ जाएगा तो मेरा दस लाख जो मिलता था वह क्या होगा.'
बलियवी के बयान पर कांग्रेस भी चुप नहीं बैठी. कांग्रेस एमएलसी प्रेमचंद्र मिश्रा ने गुलाम रसूल बलियावी के बयान पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा, 'बलियवी इस तरह की बात करते है जिसपर हंसी आती है. महागठबंधन की तरफ से यह घोषणा पत्र में शामिल था. हमारी सरकार बनेगी तो 10,00,000 नौकरी देंगे. कई विभागों में रिक्तियां है उसे पहले कैबिनेट में भरेंगे, उसको लेकर हल्की बात करना जेडयू के लोगों को शोभा नही देता. अब यह बताना चाहिए 19 लाख नौकरी देने की बात कही गई थी उसका क्या हुआ. राज्यपाल महोदय के अभिभाषण में इसका जिक्र भी नहीं था.'