तेजस्वी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिख पूछा, "क्या हुआ तेरा वादा ?"
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तेजस्वी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिख पूछा, "क्या हुआ तेरा वादा ?"

उन्होंने कहा, "राज्य के मुखिया होने के नाते आप बताएं कि उनमें से कितनी घोषणाएं पूरी हुईं और कितनी ऐसी परियोजनाएं हैं, जिनका अभी शिलान्यास भी नहीं हुआ है. पैकेज में से कितनी राशि राज्य सरकार को प्राप्त हुई है, यह भी बताएं?"

तेजस्वी यादव ने बिहार में सरकारी व्यवस्था को लेकर लिखा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र. (फाइल फोटो)

पटना: बिहार में विपक्ष के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को मंगलवार को एक पत्र लिखकर उनके और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के किए वादे की याद दिलाई है. तेजस्वी ने नीतीश कुमार से इस्तीफे की मांग करते हुए कहा कि कुर्सी की खातिर अपमानित होने और बिहार का नुकसान करने से अच्छा है कि राजभवन जाकर आप इस्तीफा दे दीजिए. 

तेजस्वी यादव ने अपने पत्र में लिखा है, "जुलाई 2017 में जनादेश चोरी के बाद जब बिहार में अनैतिक सरकार बनी थी, तब जनादेश अपमान की शर्मिंदगी दबाने और न्यायप्रिय लोकतांत्रिक लोगों को सांत्वना देने के लिए आप जोर-शोर से कहते थे कि दशकों बाद केंद्र और बिहार में एक गठबंधन की सरकार बनी है. अब डबल इंजन सरकार में बिहार को विशेष राज्य का दर्जा, विशेष पैकेज और केंद्रीय योजनाओं में प्राथमिकता मिलेगी, लेकिन बिहार को अब भी उसका वाजिब हक क्यों नहीं मिल रहा है?"

तेजस्वी ने पटना विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाने से इंकार कर देने की भी पत्र में चर्चा की है. विश्वविद्यालय को प्रधानमंत्री द्वारा विशेष आर्थिक सहायता का वादा भी पूरा नहीं करने की बात कही है.
उन्होंने मुख्यमंत्री को नसीहत देते हुए लिखा है कि "प्रधानमंत्री को उनका बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने का टेप और वीडियो क्यों नहीं दिखाते? जैसा कि आप 15 लाख रुपये सबके खाते में डालने वाला दिखाते थे? प्रधानमंत्री ने 2015 के विधानसभा चुनावों में बिहार के लिए एक लाख 65 हजार करोड़ रुपये के विशेष पैकेज की घोषणा की थी."

उन्होंने कहा, "राज्य के मुखिया होने के नाते आप बताएं कि उनमें से कितनी घोषणाएं पूरी हुईं और कितनी ऐसी परियोजनाएं हैं, जिनका अभी शिलान्यास भी नहीं हुआ है. पैकेज में से कितनी राशि राज्य सरकार को प्राप्त हुई है, यह भी बताएं?"

उन्होंने चुनौती देते हुए कहा, "अपने मंत्रिमंडल में शामिल बीजेपी के 11 मंत्रियों और ज्ञानी-ध्यानी उप मुख्यमंत्री को दिल्ली दौड़ाएं. अगर ये लोग आपके अपमान, बेबसी और लाचारी को देखकर भी अपनी पार्टी से बिहार को केंद्रीय मदद दिलाने में असफल हैं, तो इन्हें मंत्रिमंडल से तुरंत बर्खास्त करिए. बिहार का अहित सोचने वाले ऐसे मंत्रियों को हटाने में किस बात का डर? आपके चेहरे पर तो सरकारें बनती हैं न ? फिर अकेले चुनाव लड़ने में क्या डर ? अगर आपने 15 साल कथित विकास किया है तो लड़िए अकेले ?"

तेजस्वी यादव ने पत्र में बाढ़ राहत में मिली राशि पर भी कटाक्ष करते हुए कहा कि बिहार को कई छोटे और तुलनात्मक रूप से बाढ़ से कम नुकसान वाले दूसरे राज्यों से भी कम मदद मिली है. उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से बिहार के विकास कार्यो के लिए एक लाख 44 करोड़ रुपये की सहायता राशि मिली थी, लेकिन अभी डबल इंजन की सरकार में बिहार को क्या मिला?

तेजस्वी ने पत्र में लिखा, "मोदी सरकार ने आपको इतना कमजोर और मजबूर कर दिया है कि आप खुशी-खुशी अनुच्छेद 370, तीन तलाक, सीएए, एनआरसी और एनपीआर का समर्थन कर रहे हैं और साथ ही साथ बिहार का वित्तीय नुकसान भी झेल रहे हैं.
Input:- IANS