आरजेडी की ओर से राज्यसभा उम्मीदवार घोषित कर नामांकन दायर करने वाले अमरेंद्र सिंह 12 से भी अधिक देशों में फर्टिलाइजर और केमिकल का आयात करते हैं, जिसकी कीमत करोड़ों रुपए आती है. यहीं नहीं बिहार के कुछ गिने-चुने प्रतिष्ठित व्हाइट कॉलर व्यक्तियों में इनकी गिनती होती है.
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पटना: बिहार में राज्यसभा के लिए सभी पार्टियों ने अपने पते खोल दिए हैं. बीजेपी ने विवेक ठाकुर का नाम तो जेडीयू ने हरिवंश नारायण सिंह और रामनाथ ठाकुर के नाम पर मुहर लगाई है. लेकिन चर्चा में आरजेडी के उम्मीदवार हैं जिन्हें न ही राजनीति जगत की कोई हस्ती बखूबी जानती है और न ही खुद पार्टी के कई नेता.
आरजेडी ने कांग्रेस को ललचाते हुए राज्यसभा की दो सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की है. पहले उम्मीदवार हैं प्रेमचंद गुप्ता तो दूसरे हैं अमरेंद्रधारी उर्फ एडी सिंह. आरजेडी के इस ऐलान के बाद सभी जानना चाहते हैं कि आखिर अमरेंद्रधारी सिंह हैं कौन ?
दरअसल, कांग्रेस को राज्यसभा सीट न देने के बावजूद आरजेडी ने एडी सिंह को राज्यसभा का टिकट देकर सहयोगी दल का मान रखा है. अमरेंद्रधारी सिंह कद्दावर कांग्रेस नेता अहमद पटेल के करीबी माने जाते हैं. कहा तो यह भी जा रहा है कि लालू महकमे ने अहमद पटेल के लिंक के जरिए ही अमरेंद्रधारी सिंह को राज्यसभा भेजने की तैयारी की है.
अमरेंद्रधारी सिंह पटना के ही रहने वाले हैं. पटना के जाने-माने रसूखदार व्यवसायियों में एक स्थान रखते हैं. पटना के पालीगंज के करीब अइखन गांव में उनसे बड़ा जमींदार कोई नहीं. वहां अमरेंद्र सिंह के हिस्से एक हजार बीघा की जमीन है. इसके अलावा वे रियल एस्टेट में एक सफल उद्यमी के रूप में भी खुद को स्थापित कर चुके हैं.
आरजेडी की ओर से राज्यसभा उम्मीदवार घोषित कर नामांकन दायर करने वाले अमरेंद्र सिंह 12 से भी अधिक देशों में फर्टिलाइजर और केमिकल का आयात करते हैं, जिसकी कीमत करोड़ों रुपए आती है. यहीं नहीं बिहार के कुछ गिने-चुने प्रतिष्ठित व्हाइट कॉलर व्यक्तियों में इनकी गिनती होती है. वे दिल्ली के गोल्फ क्लब के सदस्य हैं.
बता दें कि दिल्ली के गोल्फ क्लब में बिहार से सिर्फ तीन सदस्य हैं. एडी सिंह के अलावा किंग महेंद्र और रविशंकर प्रसाद ही इस सूची में शामिल हैं. सामाजिक चेहरे के रूप में खुद को स्थापित करने के लिए एडी सिंह ने कई पहल किए हैं. उन्होंने दिल्ली में गरीबों के लिए तकरीबन 200 बेड और आधुनिक तकनीक से लैस अस्पताल बनवाने का जिम्मा भी उठाया है.
कांग्रेस के दिग्गज नेता अहमद पटेल के अलावा अमरेंद्रसिंह के कई नौकरशाह और रसूखदारों से अच्छे संबंध रहे हैं. इसमें बिहार के पूर्व डीजीपी अभयानंद सिंह भी शामिल हैं. देखा जाए तो राजनीति में नए चेहरे माने जाने वाले 56 वर्षीय अमरेंद्रसिंह आरजेडी के लिए सोने का अंडा देने वाली मुर्गी के माफिक हैं.
लेकिन राजनीतिक रूप से ऐसा कुछ भी नजर नहीं आता कि आरजेडी कांग्रेस को एक सीट के देने के बदले एडी सिंह को राज्यसभा भेजे. शायद यही कारण है कि आरजेडी उम्मीदवार के नामांकन में कांग्रेस के एक भी नेत नहीं पहुंचे.